India News (इंडिया न्यूज), MP Crime: मध्य प्रदेश के भिंड जिले में पुलिस की जिम्मेदारी निभाने वाला एक हेड कांस्टेबल खुद ही अपराध में लिप्त पाया गया। प्रेम प्रसंग में उलझकर उसने न सिर्फ अपनी वर्दी की मर्यादा भुला दी, बल्कि कानून को भी ताक पर रख दिया। इस मामले में पुलिसकर्मी और उसके साथी पर अपहरण जैसी गंभीर वारदात को अंजाम देने का आरोप लगा है।
भिंड जिले के रौन थाने में पदस्थ हेड कांस्टेबल अजय राजपूत को कुछ समय पहले ग्वालियर के एक कॉल सेंटर से फोन आया था। फोन करने वाली महिला प्रॉपर्टी से जुड़ी जानकारी देने के बहाने संपर्क में आई थी। बातचीत का सिलसिला बढ़ता गया और धीरे-धीरे दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ गईं। यह रिश्ता इतना गहरा हो गया कि दोनों साथ में मथुरा घूमने भी गए। वहां खींची गई तस्वीरें महिला ने सोशल मीडिया पर साझा कर दीं, जो बाद में विवाद की वजह बनीं।
MP Crime एमपी अपराध
कुछ समय बाद महिला का अपने पति से किसी बात को लेकर विवाद हो गया, जिसके बाद वह अपने मायके चली गई। संयोगवश, उसका मोबाइल पति के पास रह गया। जब पति ने मोबाइल खंगाला, तो वह हैरान रह गया। सोशल मीडिया पर उसकी पत्नी की तस्वीरें किसी और व्यक्ति के साथ थीं। उसने इस बारे में अपनी पत्नी के परिवार को भी जानकारी दी, जिससे मामला और बिगड़ गया।
पति द्वारा फोटो पर आपत्ति जताने की जानकारी महिला ने हेड कांस्टेबल अजय राजपूत को दी। इसके बाद अजय ने रौन थाने में पदस्थ अपने साथी कांस्टेबल सूरज और कुलदीप के साथ मिलकर महिला के पति का अपहरण करने की योजना बनाई। जब महिला का पति अपने काम से मुरैना जिले के पोरसा इलाके में गया हुआ था, तब अजय और उसके साथियों ने उसे जबरन कार में बिठाकर भिंड जिले के मेहगांव इलाके में ले गए। रास्ते में उसे धमकाया गया और उसके मोबाइल से सभी डेटा डिलीट कर दिया गया।
अपहरण के बाद पीड़ित ने चंबल आईजी से शिकायत की, जिसके बाद मामले की जांच हुई। जांच में आरोप सही पाए गए, जिसके चलते भिंड एसपी असित यादव ने हेड कांस्टेबल अजय राजपूत और कांस्टेबल सूरज को निलंबित कर दिया।
इस घटना ने एक बार फिर पुलिस की साख पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जिन पर कानून और व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी होती है, अगर वही अपराध करने लगें, तो आम जनता का भरोसा कैसे बना रहेगा?