India News (इंडिया न्यूज), MP Police: मध्य प्रदेश के सतना जिले से एक शर्मनाक घटना सामने आई है, जहां पुलिस ने संवेदनहीनता की सारी हदें पार कर दीं। मैहर थाना क्षेत्र के अबेर गांव में मानसिक रूप से अस्वस्थ गुड्डू कोल नामक व्यक्ति ने आत्महत्या कर ली। पुलिस मौके पर तो पहुंची, लेकिन शव को सम्मानपूर्वक ले जाने के बजाय नगर पालिका की कचरा गाड़ी में रखकर अस्पताल भेज दिया।
यह घटना तब घटी जब ग्रामीणों ने गोलामठ मंदिर के पास बिजली के खंभे से गुड्डू कोल का शव लटकता हुआ देखा और तुरंत पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने शव को कब्जे में तो लिया, लेकिन अस्पताल तक ले जाने के लिए कोई शव वाहन नहीं बुलाया। इसके बजाय नगर पालिका की कचरा गाड़ी में शव डालकर भेज दिया गया, जिससे स्थानीय लोग बेहद आक्रोशित हो गए।
MP Police एमपी पुलिस
इस अमानवीय कृत्य से स्थानीय लोगों में गहरी नाराजगी है। उनका कहना है कि अगर पुलिस के पास शव वाहन उपलब्ध नहीं था, तो कोई और सम्मानजनक व्यवस्था करनी चाहिए थी। लेकिन शव को कचरा गाड़ी में डालना न केवल मानवीय गरिमा का अपमान है, बल्कि पुलिस प्रशासन की लापरवाही और असंवेदनशीलता को भी दर्शाता है।
इस घटना के बाद प्रशासन की ओर से कोई ठोस बयान नहीं आया है। यह मामला सिस्टम की लापरवाही और पुलिस प्रशासन की संवेदनहीनता को उजागर करता है। इस घटना ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। आम जनता को उम्मीद है कि प्रशासन इस मामले को गंभीरता से लेकर भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाएगा।
1. शव वाहन का इंतजाम– पुलिस को सम्मानपूर्वक शव अस्पताल पहुंचाने की व्यवस्था करनी चाहिए थी।
2. मानवीय दृष्टिकोण– किसी भी नागरिक का अंतिम सम्मान आवश्यक है, चाहे वह किसी भी परिस्थिति में मृत्यु को प्राप्त हुआ हो।
3. जिम्मेदारों पर कार्रवाई– इस अमानवीय व्यवहार के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर उचित कार्रवाई होनी चाहिए।