India News (इंडिया न्यूज),MP Weather Today: मध्य प्रदेश में मौसम ने अचानक करवट ले ली है, जिससे कई जिलों में हल्की बारिश, तेज आंधी और ओलावृष्टि दर्ज की गई है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, प्रदेश में दो साइक्लोनिक सकुर्लेशन और एक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने के कारण यह बदलाव आया है। गुरुवार को भोपाल, सागर, सीहोर, रीवा समेत 20 से ज्यादा जिलों में कहीं ओले गिरे तो कहीं तेज आंधी चली और हल्की बारिश हुई। मौसम विभाग का कहना है कि यह स्थिति 23 मार्च तक बनी रहेगी, जबकि 24 मार्च से एक और पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने की संभावना है।
मौसम विभाग ने जबलपुर, ग्वालियर, सागर और शहडोल संभाग के कई जिलों में मौसम का ज्यादा असर पड़ने की चेतावनी दी है। दमोह, कटनी, उमरिया, शहडोल, डिंडौरी और अनूपपुर में अगले 24 घंटे में ओलावृष्टि होने की संभावना है। वहीं, मुरैना, ग्वालियर, भिंड और दतिया में तेज आंधी को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इसके अलावा, शिवपुरी, अशोकनगर, सतना, रीवा, मऊगंज, सीधी, सिंगरौली, जबलपुर, मंडला, नरसिंहपुर, सिवनी, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, नर्मदापुरम, बैतूल और हरदा में गरज-चमक और तेज हवाएं चल सकती हैं।
MP Weather Today: मध्य प्रदेश में मौसम का बदला मिजाज
मौसम के बदलाव के चलते प्रदेश के कई जिलों में तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। सीधी में 27.8 डिग्री, रीवा में 28.8 डिग्री, सतना में 31.4 डिग्री और नौगांव में 32.5 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया। राजधानी भोपाल में भी हल्की बूंदाबांदी हुई, जिससे मौसम सुहाना हो गया। हालांकि, इस बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की चिंता बढ़ गई है। कई इलाकों में रबी फसलों को नुकसान पहुंचने की आशंका है। रीवा जिले के सिरमौर, गुढ़, जवा, त्योंथर और रायपुर कर्चुलियान में तेज बारिश और ओले गिरने से खेतों में खड़ी फसलें बर्बाद हो सकती हैं।
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, वर्तमान सिस्टम का असर 23 मार्च तक बना रहेगा, लेकिन 24 मार्च से एक और पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो सकता है, जिससे प्रदेश के मौसम में फिर बदलाव देखने को मिलेगा। गुरुवार को भोपाल, सीहोर और सागर समेत कई जिलों में हल्की बारिश दर्ज की गई थी, जबकि बादलों और तेज हवाओं ने तापमान को सामान्य बनाए रखा। सागर के बंडा इलाके में अचानक हुई बारिश ने गर्मी से राहत दिलाई, लेकिन किसानों के लिए यह चिंता का कारण बन गई। प्रदेश के कई अन्य जिलों में भी बादल छाए हुए हैं और गरज-चमक के साथ बारिश की संभावना बनी हुई है। मौसम के इस बदलाव से जहां आम लोगों को गर्मी से राहत मिली है, वहीं किसानों को अपनी फसलें बचाने की चिंता सताने लगी है। यदि बारिश और ओलावृष्टि का यह सिलसिला जारी रहा तो रबी फसलों को भारी नुकसान होने की आशंका है।