Hindi News / Madhya Pradesh / Neemuch Sdm Punishment Of The Old Mans Tribe Sent To The Island Of Justice Then Pedestrians And Tractors Were Kept For 6 Kilometers As Punishment Of Hunger And Thirst

बुजुर्ग की गुहार बनी सजा, न्याय मांगने पहुंचे तो भेज दिया थाने, 6 किलोमीटर पैदल सफर और घंटों रखा भूखा-प्यासा फिर नंगे पांव…

India News (इंडिया न्यूज), Neemuch SDM: मध्य प्रदेश  प्रशासन से न्याय की उम्मीद लेकर आए 70 वर्षीय बुजुर्ग को अपनी पीड़ा सुनाना भारी पड़ गया। जमीन के सीमांकन और बंटवारे की समस्या को लेकर वे हर मंगलवार जनसुनवाई

BY: Shagun Chaurasia • UPDATED :
Advertisement · Scroll to continue
Advertisement · Scroll to continue

India News (इंडिया न्यूज), Neemuch SDM: मध्य प्रदेश  प्रशासन से न्याय की उम्मीद लेकर आए 70 वर्षीय बुजुर्ग को अपनी पीड़ा सुनाना भारी पड़ गया। जमीन के सीमांकन और बंटवारे की समस्या को लेकर वे हर मंगलवार जनसुनवाई में पहुंचते थे, लेकिन इस बार जब उन्होंने ऊंची आवाज में अपनी बात रखी, तो उन्हें पुलिस थाने भेज दिया गया।

हर हफ्ते न्याय की उम्मीद में आते थे बुजुर्

गांव अड़मालिया के रहने वाले जगदीश दास बैरागी (70) छह महीने से प्रशासन के चक्कर लगा रहे हैं। तत्कालीन एसडीएम ममता खेड़े ने उनकी जमीन का सीमांकन और बंटवारे का आदेश दिया था, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। 18 मार्च को वे एक बार फिर न्याय की उम्मीद में कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। बुजुर्ग सुबह बिना खाए-पिए घर से निकले। पहले उन्होंने छह किलोमीटर पैदल सफर तय किया, फिर बस से नीमच पहुंचे और वहां से चार किलोमीटर पैदल चलकर कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। लेकिन जब एक घंटे इंतजार के बाद भी उनकी सुनवाई नहीं हुई, तो उन्होंने एसडीएम संजीव साहू के सामने ऊंची आवाज में अपनी समस्या बताई।

‘डांस मेरा जुनून, मैं पेन किलर लेकर डांस करती हूं’ दिव्यांग कोटे से बनी अधिकारी की खुली पोल, Video देख सभी हुए हक्के-बक्के

Neemuch SDM नीमच एसडीएम

घंटों भूखा-प्यासा रखा

बुजुर्ग की ऊंची आवाज प्रशासन को नागवार गुजरी। दोपहर करीब 1 बजे कैंट थाने के दो पुलिसकर्मी आए और उन्हें जबरदस्ती बाइक पर बैठाकर थाने ले गए। वहां उन्हें शाम 6 बजे तक बिना भोजन और पानी के बैठाकर रखा गया।

नंगे पांव छोड़ा, जैसे-तैसे गांव लौटे

शाम को पुलिस ने उन्हें थाने से छोड़ तो दिया, लेकिन नंगे पांव। किसी तरह वे बस स्टैंड पहुंचे और गांव के लिए रवाना हुए। जगदीश का कहना है कि वे प्रशासन से सिर्फ अपनी जायज मांगों के लिए गुहार लगा रहे थे, लेकिन उनके साथ अपराधी जैसा व्यवहार किया गया। यह घटना प्रशासन की संवेदनहीनता को उजागर करती है। एक बुजुर्ग को न्याय मांगने की इतनी बड़ी सजा क्यों मिली? यह सवाल अब समाज के सामने है।

शव वाहन की जगह कचरा गाड़ी? पुलिस ने की क्रूरता की सारी हदे पार, आदिवासी व्यक्ति के साथ किया ऐसा काम स्थानीय लोगों में मचा हाहाकार

Tags:

Neemuch SDM:
Advertisement · Scroll to continue

लेटेस्ट खबरें

Advertisement · Scroll to continue