India News (इंडिया न्यूज), Rakesh Rathore: सीतापुर से सांसद राकेश राठौर को 48 दिन जेल में बिताने के बाद बुधवार सुबह रिहा कर दिया गया। उन पर दुष्कर्म का गंभीर आरोप था, जिसके चलते वे 30 जनवरी से जिला कारागार में बंद थे। लंबे समय तक चली कानूनी प्रक्रिया के बाद मंगलवार को उनकी जमानत याचिका मंजूर हुई, जिसके बाद बुधवार सुबह 8 बजे उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया।
15 जनवरी को एक महिला नेता ने सांसद राकेश राठौर के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई। महिला का कहना था कि सांसद ने उनके राजनीतिक करियर में मदद और शादी का वादा करके चार साल तक उनका शोषण किया। जब उसने विवाह की बात उठाई, तो उसे धमकियां देकर चुप रहने के लिए मजबूर किया गया।
Rakesh Rathore राकेश राठौड़
सांसद राकेश राठौर के खिलाफ शहर कोतवाली में दुष्कर्म का मामला दर्ज किया गया था। मामला सामने आने के बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार करने के लिए कई प्रयास किए। स्थानीय पुलिस के साथ क्राइम ब्रांच को भी उनकी तलाश में लगाया गया। इस दौरान उनके परिजनों और सहयोगियों के फोन नंबर भी सर्विलांस पर रखे गए। पुलिस ने उनके करीबी सहयोगियों से पूछताछ भी की। 30 जनवरी को सांसद लोहारबाग स्थित अपने आवास पहुंचे, तभी शहर कोतवाली पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। इसके बाद उन्हें जिला कारागार भेज दिया गया।
सांसद की रिहाई के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे थे। 11 मार्च को हाईकोर्ट ने उनकी जमानत याचिका मंजूर कर ली थी, लेकिन उसी दिन पुलिस ने धारा 69 जोड़ दी, जिससे उन्हें तुरंत राहत नहीं मिल सकी। इसके बाद 12 मार्च को सीजेएम कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की गई। मंगलवार को इस पर बहस हुई और कोर्ट ने जमानत मंजूर कर दी। जेल अधीक्षक सुरेश कुमार सिंह के अनुसार, मंगलवार शाम 6 बजे सांसद की रिहाई के आदेश मिले। जेल नियमों के अनुसार, बुधवार सुबह उन्हें रिहा किया गया।
इस मामले में एक नया मोड़ तब आया जब पीड़िता के पति ने आरोप लगाया कि सांसद की करीबी महिला ने उन्हें घर आकर केस वापस लेने की धमकी दी थी। इस आरोप के आधार पर सांसद और उनकी सहयोगी के खिलाफ एक और मामला दर्ज किया गया। हालांकि, इस मामले में भी सांसद को पहले ही जमानत मिल चुकी थी।
सांसद की रिहाई के बाद राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है। उनके समर्थक इसे न्याय की जीत मान रहे हैं, जबकि विरोधी पक्ष इस पर सवाल उठा रहे हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि यह मामला आगे किस दिशा में बढ़ता है और कानून क्या निर्णय लेता है।
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