India News (इंडिया न्यूज),Mahakumbh 2025: प्रयागराज के महाकुंभ में संगम नोज पर मंगलवार-बुधवार की रात हुई भगदड़ में 30 लोगों की मौत हो गई और 60 लोग घायल हो गए। ऐसे में सवाल यह है कि क्या जिम्मेदार अफसरों ने इस घटना से कोई सबक लिया है, क्या बसंत पंचमी पर होने वाले अगले शाही स्नान पर करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए कोई चूक नहीं होने दी जाएगी? 30 मौतों के बाद प्रयागराज में क्या बदला है? जहां आज डीजीपी और मुख्य सचिव ने घटनास्थल का दौरा किया है, वहीं मुख्यमंत्री द्वारा गठित न्यायिक आयोग भी शुक्रवार को प्रयागराज आने वाला है। न्यायिक आयोग इस सच्चाई का पता लगाएगा कि भगदड़ क्यों और कैसे हुई?
सवाल यह है कि अगर समय रहते वीआईपी रियायतें बंद कर दी जातीं तो क्या कुंभ में 30 लोगों की जान नहीं जाती? अगर भगदड़ के बाद उठाए गए कदम पहले उठाए गए होते तो क्या कुंभ आयोजन मौतों से कलंकित नहीं होता? अगर बसंत पंचमी पर शाही स्नान के लिए किए गए बदलाव मौनी अमावस्या से पहले किए गए होते तो क्या कुंभ में स्नान करने आए परिवारों को अपने प्रियजनों को नहीं खोना पड़ता?
Mahakumbh 2025: मौनी अमावस्या से मिला सबक
मौनी अमावस्या पर मची भगदड़ के अगले दिन गुरुवार को महाकुंभ में 29 करोड़ से ज्यादा लोगों ने डुबकी लगाई है, शाम 4 बजे तक 1.75 करोड़ लोग डुबकी लगा चुके थे। मौनी अमावस्या पर तो खूब भीड़ उमड़ी, अब बसंत पंचमी पर करोड़ों लोग जुट सकते हैं, लेकिन महाकुंभ की कमान संभालने वालों की नींद तब उड़ गई जब मौनी अमावस्या की रात मची भगदड़ में 30 लोगों की मौत हो गई।
महाकुंभ में व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी संभालने वालों की लापरवाही का असर अगले शाही स्नान पर न पड़े, इसके लिए मुख्यमंत्री के आदेश पर लखनऊ से मुख्य सचिव मनोज सिंह और डीजीपी प्रशांत कुमार संगम तट पर उसी स्थान पर पहुंचे, जहां मंगलवार-बुधवार की रात भगदड़ मची थी। मुख्य सचिव और डीजीपी दोनों ने भगदड़ वाली जगह पर स्थित पुलिस वॉच टावर पर चढ़कर उसका निरीक्षण किया। इसके साथ ही 5 अहम बदलाव किए गए हैं।
कुंभ में नहीं चलेगा वीआईपी कल्चर
अगले शाही स्नान से पहले जिस सुधार को सबसे अहम माना जा रहा है, वह है कुंभ को वीआईपी कल्चर से मुक्त रखना। कोई भी अपने परिवार के सदस्यों, रिश्तेदारों के लिए वीवीआईपी सायरन बजाते हुए जनता के बीच नहीं जाएगा। इसका मतलब है कि अब कुंभ में वीआईपी कल्चर नहीं चलेगा।
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वीआईपी प्रोटोकॉल पर अफसरों ने दी सफाई
संभव है कि अब तक कुंभ मेले की जिम्मेदारी संभाल रहे मेलाधिकारी विजय किरण आनंद और डीआईजी मेला वैभव कृष्ण को यह अहसास हो गया था कि भगदड़ के बाद वीआईपी को दी गई छूट का गुस्सा उन पर निकलेगा। इसीलिए भगदड़ के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस करने पहुंचे दोनों वरिष्ठ अफसरों ने सबसे पहले वीआईपी प्रोटोकॉल पर अपनी सफाई दी। बसंत पंचमी के अमृत स्नान से पहले यह निर्णय लिया गया है कि मेला क्षेत्र में वन-वे व्यवस्था लागू कर दी गई है, यानी किसी भी सड़क पर दोनों ओर से लोग आ-जा नहीं सकेंगे।
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