Hindi News / Mahakumbh / Naga Sadhus Are Different From Others Such Things Do Not Happen In Their Akharas

ये नागा साधु होते हैं सभी से अलग, इनके अखाड़ों में नही होता ऐसा काम, हुक्का और नशे को लेकर बनाए गए हैं कठोर नियम!

Naga Sadhu: प्रयागराज में महाकुंभ मेला शुरू हो चुका है और प्रयागराज में चल रहे कुंभ मेले में बड़ी संख्या में नागा साधुओं ने हिस्सा लिया है।

BY: Preeti Pandey • UPDATED :
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India News (इंडिया न्यूज), Naga Sadhu: प्रयागराज में महाकुंभ मेला शुरू हो चुका है और प्रयागराज में चल रहे कुंभ मेले में बड़ी संख्या में नागा साधुओं ने हिस्सा लिया है। नागा साधुओं के 13 अखाड़े हैं, जिन्हें सनातन धर्म का रक्षक कहा जाता है। इन अखाड़ों में ही नागा साधुओं को शिक्षा दी जाती है। एक अखाड़े को छोड़कर लगभग हर अखाड़े के नियम भी एक जैसे हैं। इस अखाड़े का नाम श्री निर्मल पंचायती अखाड़ा है। इस अखाड़े की स्थापना श्री दुर्गा सिंह ने 1784 के हरिद्वार कुंभ के दौरान की थी। इस अखाड़े के कई नियम हैं जो इसे दूसरे अखाड़ों से अलग बनाते हैं। आइए इस अखाड़े के बारे में विस्तार से जानते हैं।

श्री निर्मल पंचायती अखाड़ा और इसके नियम

इस अखाड़े के संस्थापक वीर सिंह को सिख गुरु गोविंद सिंह का करीबी माना जाता है। इस अखाड़े में पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब को पूजनीय माना जाता है और इस पवित्र पुस्तक को देवता माना जाता है। इनके झंडे का रंग पीला या बसंती होता है। इस अखाड़े के साधु गुरु नानक देव की शिक्षाओं का पालन करते हैं। इनके नियम दूसरे अखाड़ों से थोड़े अलग हैं।

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Naga Sadhu: ये नागा साधु होते हैं सभी से अलग

निर्मल पंचायती अखाड़े के नियम

  • जहां अन्य अखाड़े हिंदू धर्म के देवी-देवताओं की पूजा करते हैं, वहीं निर्मल अखाड़ा गुरु ग्रंथ साहिब की पूजा करता है।
  • जहां अन्य अखाड़ों के साधु-संत चिलम, हुक्का आदि नशीले पदार्थों का सेवन करते हैं, वहीं निर्मल अखाड़े में नशीले पदार्थों का सेवन पूरी तरह प्रतिबंधित है। अगर निर्मल अखाड़े का कोई साधु नशीले पदार्थों का सेवन करता पाया जाता है, तो उसे कड़ी सजा दी जाती है।
  • आपने कई बार अन्य अखाड़ों के नागा साधुओं को क्रोधित होते हुए देखा होगा, लेकिन निर्मल अखाड़े के साधुओं को सभी के साथ समान व्यवहार करने की शिक्षा दी जाती है। उन्हें समाज के बीच जाते समय भी अपने वास्तविक चरित्र में रहने की शिक्षा दी जाती है।
  • निर्मल अखाड़े के साधु शहर में प्रवेश भी नहीं करते। उनके बीच शहर में प्रवेश करने की कोई परंपरा नहीं है।
  • इस अखाड़े में कई पदों के लिए चुनाव होते हैं।

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निर्मल अखाड़े के साधु कहां रहते हैं

निर्मल अखाड़े के साधु-संत आपको भारत के विभिन्न हिस्सों में मिल जाएंगे, लेकिन इनके केंद्र मुख्य रूप से भारत में 4 जगहों पर हैं। इनका पहला केंद्र हरिद्वार में है, क्योंकि इस अखाड़े की स्थापना यहीं हुई थी। इसके अलावा प्रयागराज, उज्जैन और त्र्यंबकेश्वर में भी निर्मल अखाड़े के केंद्र हैं। इस अखाड़े के साधु-संत देश और धर्म की रक्षा के लिए भी हमेशा तत्पर रहते हैं।

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