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देवेंद्र फडणवीस ने NCP में फूट से पहले दिए थे संकेत, शरद पवार पर वंशवाद की राजनीति का लगाया था आरोप

Akanksha Gupta • LAST UPDATED : July 4, 2023, 9:16 am IST

India News (इंडिया न्यूज़), Maharashtra Political Crisis, मुंबई: पिछले कुछ सालों से महाराष्ट्र की राजनीति में कई सियासी उलटफेर देखने को मिल रहे हैं। हाल ही के दिनों में NCP में बगावत के चलते महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मची हुई है। एक तरफ शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने पार्टी से बगावत कर बीजेपी में में शामिल हो गए। फिलहाल अजित पवार को उपमुख्यमंत्री का पद दिया गया है।

फडणवीस ने दिए थे NCP में फूट के संकेत 

महाराष्ट्र की राजनीति में अचानक आए इस भूचाल की किसी को कानों कान भनक तक नहीं लगी। हालांकि कुछ ही दिन पहले महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने इसे लेकर कुछ संकेत दिए थे। इस दौरान उन्होंने NCP प्रमुख शरद पवार का जिक्र करते हुए कहा था कि वह अपनी बेटी सुप्रिया सुले को विरासत सौंपना चाहते हैं।

पवार पर वंशवाद की राजनीति का आरोप

महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल आने से कुछ दिन पहले 29 जून को देवेंद्र फडणवीस ने एक इंटरव्यू के दौरान शरद पवार पर वंशवाद की राजनीति का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि अपनी विरासत को सौंपने के लिए शरद पवार ने अपनी बेटी और सांसद सुप्रिया सुले को सबसे आगे रखा है। देवेंद्र फडणवीस ने वंशवाद का जिक्र करते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वंशवाद के प्रभाव को राष्ट्रीय राजनीति में काफी कम कर दिया है।

शरद पवार की तारीफ में फडणवीस ने क्या कहा?

देवेंद्र फडणवीस ने इस दौरान शरद पवार की तारीफ करते हुए कहा था, “विपक्षी एकजुटता के वो सबसे बड़े नेता हैं। सभी विपक्षी दलों को साथ लाने में उन्होंने बेहद ही अहम भूमिका निभाई। जो पार्टियां एक-दूसरे के आमने-सामने भी नहीं आती हैं, उन्हें साथ में लाने के पीछे पवार साहब हैं। विपक्षी एकता के संचालक भी शरद पवार ही हैं।” उन्होंने आगे कहा, “तबीयत ठीक नहीं होने के बावजूद वो फिट हैं और कई जगहों का दौरा करते हैं। वो राजनीतिक तौर पर पूरी तरह से सतर्क हैं और उनकी गिनती उन नेताओं में होती है, जो हर तरफ से राजनीति को समझते हैं।”

वंशवाद की राजनीति के खिलाफ हैं हम- फडणवीस

फडणवीस ने इस दौरान वंशवाद का जिक्र करते हुए कहा, “अपनी विरासत को सौंपने की प्रक्रिया शरद पवार ने शुरू कर दी है। उन्होंने सुप्रिया सुले को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया, हालांकि ड्राइविंग सीट पर अभी पवार ही बैठे हैं।” इसके साथ ही उन्होंने कहा कि लोगों को उनकी योग्यता के आधार पर ही प्रमोट करना चाहिए। देवेंद्र फडणवीस ने कहा, “हम किसी नेता के बेटे या फिर बेटी के राजनीति में आने या किसी पद तक पहुंचने का विरोध नहीं करते हैं। हमारा कहना सिर्फ इतना है कि कोई भी व्यक्ति किसी ऊंचे पद पर इसलिए नहीं पहुंचना चाहिए क्योंकि वो किसी बड़े राजनेता का बेटा है। इसके बावजूद अयोग्य या कम क्षमता वाले लोगों को पदोन्नत किया जाता है। हम इसी तरह की वंशवादी राजनीति के खिलाफ हैं। ऐसी राजनीति में सरकार लोगों की नहीं बल्कि एक ही परिवार की सेवा करती है।

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