इंडिया न्यूज़, दिल्ली : गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अभिभाषण दिया था। भारतीय संविधान के अनुसार राष्ट्रपति के अभिभाषण पर पीएम का सम्बोधन होता है। बता दें, बुधवार यानि आज पीएम मोदी ने बुधवार को संसद में अपने सम्बोधन में कहा कि राष्ट्रपति का अभिभाषण संकल्प से सिद्धि तक की यात्रा का ब्यौरा है। पीएम ने राष्ट्रपति के संबोधन के कुछ बातों को दुहराया और कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर किसी को ऐतराज भी नहीं है। इसकी किसी ने आलोचना भी नहीं की। पीएम मोदी ने कहा कि मुझे खुशी है कि किसी ने विरोध नहीं किया, सबने स्वीकार किया।
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर अपने सम्बोधन के दरम्यान पीएम मोदी ने कहा कि इसे पूरे सदन की स्वीकृति मिली है। सदन के सदस्यों ने अपनी सोच के मुताबिक अपनी बात रखी। इससे उनकी समझ और इरादों का भी पता चला। मालूम हो, पीएम मोदी ने अपने सम्बोधन में यह भी कहा कि संकट के माहौल में देश को जैसे संभाला, पूरा देश आत्मविश्वास भरा हुआ है। चुनौती के बिना जीवन नहीं है। 140 करोड़ लोगों का सामर्थ्य चुनौती से भरा हुआ है।राष्ट्रपति देश की बहन बेटियों के लिए प्रेरणा हैं। राष्ट्रपति ने आदिवासी समाज का गौरव बढ़ाया है। राष्ट्रपति पर आदिवासी समाज में गौरव की अनुभूति है।
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बोलते हुए पीएम मोदी ने अपनी सरकार की भी पीठ थपथपाई। पीएम ने कहा कि पिछले दो से तीन दशक अस्थिरता के रहे हैं। आज देश में स्थिर सरकार है, फैसले लेने वाली सरकार है।आज देश आत्मविश्वास से भरा है। डिजिटल इंडिया की हर तरफ वाह-वाही हो रही है। वहीं कांग्रेस पर निशाना साधते हुए पीएम ने कहा कि एक जमाना था जब छोटी टेक्नोलॉजी के लिए भी देश तरसता था। पीएम मोदी ने कहा कि आज राष्ट्रहित में फैसले लेने वाली सरकार है।