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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
India Israel Pegasus Deal Controversy: अभी हाल ही में अमेरिकी मीडिया ने नई रिपोर्ट में दावा किया है कि भारत सरकार ने 2017 में इजराइल से मिसाइल सिस्टम खरीदने के लिए की गई दो अरब डॉलर की डील के दौरान एक सॉफ्टवेयर (पेगासस स्पाइवेयर) भी खरीदा था। उस रक्षा सौदे के दौरान भारत ने इजराइल से एक मिसाइल सिस्टम और कुछ हथियारों की डील की थी। इजराइल से ये सॉफ्टवेयर अमेरिकी खुफिया एजेंसी फेडरल ब्यूरो आफ इंवेस्टिगेशन (एफबीआई) ने भी खरीदा था।
एफबीआई ने घरेलू निगरानी के लिए ‘उसका इस्तेमाल करने के लिए’ टेस्टिंग भी की थी, लेकिन साल 2021 में पेगासस का इस्तेमाल बंद कर दिया था। अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर ये पेगासस स्पाइवेयर है क्या और कैसे काम करता है?। वहीं कैसे हुई भारत-इजराइल के बीच पेगासस की डील? आइए जानते हैं।
दरअसल, पेगासस ‘जीरो क्लिक’ सॉफ्टवेयर वर्जन है-यानी इसे अन्य (pegasus hacking controversy) हैकिंग सॉफ्टवेयर की तरह आपके फोन में सेंध लगाने के लिए किसी यूजर के किसी लिंक या अटैचमेंट पर क्लिक की जरूरत नहीं पड़ती है। फोन में इंस्टॉल होते ही ये कुछ ही मिनटों में फोन के सारे ईमेल, हर तस्वीर, हर मैसेज और सारे पर्सनल कॉन्टैक्ट का डेटा चुरा लेता है। पेगासस साथ ही फोन के लोकेशन से लेकर इसके कैमरा और माइक्रोफोन तक को कंट्रोल कर लेता है।
पेगासस आईफोन और एंड्रॉयड डिवाइस को टारगेट करता है। पेगासस को किसी भी फोन या किसी अन्य डिवाइस में दूर बैठकर ही इंस्टॉल किया जा सकता है। सिर्फ एक मिस्ड कॉल करके भी आपके फोन में पेगासस को इंस्टॉल किया जा सकता है। इतना ही नहीं, वॉट्सऐप मैसेज, टेक्स्ट मैसेज और सोशल मीडिया के जरिए भी यह आपके फोन में इंस्टॉल किया जा सकता है।
पेगासस को बनाने वाली कंपनी का दावा है कि उसका ये जासूसी सॉफ्टवेयर वो काम कर सकता है, जो न कोई प्राइवेट कंपनी और न ही कोई खुफिया एजेंसी कर सकती है। कंपनी ने दावा किया है कि पेगासस बहुत ही भरोसेमंद तरीके और लगातार किसी भी आईफोन या एंड्रॉयड स्मार्टफोन की सुरक्षा में सेंध लगाकर उसकी जासूसी कर सकता है।
पेगासस को बनाने वाली इजराइली कंपनी एनएसओ पिछले एक दशक से अपने जासूसी सॉफ्टवेयर को दुनिया भर की सरकारों और खुफिया एजेंसियों को बेचती रही है। कंपनी के मुताबिक, वह इस सॉफ्टवेयर को अब तक दुनिया के 40 देशों में 60 सरकारी कस्मटर को बेच चुकी है। एनएसओ के मुताबिक, इजराइल की डिफेंस मिनिस्ट्री ने भारत, पोलैंड, हंगरी समेत कई अन्य देशों में जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस के इस्तेमाल की मंजूरी दी थी।
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