इंडिया न्यूज़, लुधियाना:
Ludhiana Court Blast Strings Linked to Pakistan: गुरुवार को लुधियाना की जिला अदालत में हुए धमाके में डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय ने बड़ा खुलासा करते हुए बताया है कि धमाके की साजिश लुधियाना की सेंट्रल जेल में बैठे कैदियों द्वारा रची गई थी। डीजीपी ने कहा कि इस वारदात में सीमा पर बैठे आतंकियों के होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। क्योंकि वही लोग सीमा पार से ही पंजाब में नशा तस्करी की खेप भेजते रहे हैं। ऐसे में साफ जाहिर है कि देश विरोधी ताकतें यहां बैठे अपने गुर्गों के जरिए अपने इरादे कामयाब करने की कोशिश में हैं।
Ludhiana Court Blast Strings Linked to Pakistan: डीजीपी का कहना है कि इस ब्लास्ट के तार पाकिस्तान से जुड़े हैं। क्योंकि लुधियाना की सेंट्रल जेल में ही आरडीएक्स मामले में बंद तस्कर सुखविंद्र सिंह उर्फ बाक्सर और रंजीत (ranjit cheeta) बाबा उर्फ चीता जेल में सजा काट रहे हैं। उन्होंने ही पंजाब को दहलाने की साजिश रची थी। इस बात का खुलासा तब हुआ जब दोनों आरोपियों से पूछताछ की गई। आरोपियों से पूछताछ के लिए सात दिनों का रिमांड अदालत ने दिया है। वहीं अब बॉक्सर और चीता से पंजाब पुलिस के अलावा अन्य खुफिया एजेंसियां भी पूछताछ करने में जुटी हैं। जांच एजेंसियां अभी सभी जानकारियां जुटाने का प्रयास कर रही हैं।
Ludhiana Court Blast Strings Linked to Pakistan: बता दें कि इस ब्लास्ट में मारा गया गगनदीप सिंह उसी बैरक में बंद था जिसमें कि चीता और बाक्सर (sukhwinder singh boxer) को रखा गया था। चीता ने ही गगनदीप की बात सीमा पार बैठे तस्कर रिंदा से करवाई थी। इस दौरान गगनदीप को बड़े धमाके करने को कहा गया और इसके लिए उसे मोटी रकम का भी लालच दिय गया था। कोरोना काल में ही गगनदीप (gagandeep singh) को जेल से तीन महीने पहले ही जमानत मिली थी। इस दौरान गगनदीप लगातार चीता के संपर्क में रहा और फोन के जरिए दोनों की बात होती रही। इसके बाद गगनदीप को बताया गया कि उसे विस्फोट कहां और कब करना है। इस तरह सोची समझी साजिश के तहत लुधियाना की अदालत में ब्लास्ट किया गया था।
Ludhiana Court Blast Strings Linked to Pakistan: चीता और बॉक्सर (ranjit cheeta, sukhwinder) ने धमाके के राज से पर्दा उठा दिया है। लेकिन खुफिया एजेंसियां अभी यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि आरोपियों के गिरोह में और कितने लोग हैं। उनकी आगे की क्या प्लानिंग है, और क्या- क्या करने की उनकी मंशा थी। गगनदीप की तरह और कौन-कौन लोग हैं जो अन्य साजिशों को अंजाम देने की फिराक में हैं। बहरहाल कुछ भी हो जेल से कुख्यात कैदियों के पास फोन कहां से हासिल हो जाता है। और कैसे वह इसका इस्तेमाल कर साजिशों को अंजाम तक पहुंचाते हैं। यह बड़ा सवाल जांच एजेंसियों को खल रहा है।