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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
National Farmers Day 2021 किसानों के मसीहा और देश के प्रधानमंत्री रहे चौधरी चरण सिंह के सम्मान में आज हर साल की तरह देशभर में किसान दिवस मनाया जा रहा है। देश के किसानों के योगदान को लेकर इस मौके पर कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
बता दें कि भारत सरकार ने वर्ष 2001में इस दिवस की शुरुआत की थी और तब से अब तक हर वर्ष 23 दिसंबर को किसान दिवस मनाया जाता है। दरअसल चौधरी चरण सिंह भारत के पांचवें प्रधानमंत्री थे और उनका जन्म 23 दिसंबर 1902 को उत्तर प्रदेश के हापुड़ में हुआ था।
चौधरी चरण सिंह ने किसानों के हित में कई काम किए हैं इस वजह से उन्हें किसानों के मसीहा के तौर पर जाना जाता है। स्वयं किसान परिवार से जुड़े होने के कारण वह किसानों की समस्या और स्थिति को अच्छी तरह समझते थे। चौधरी चरण सिंह ने किसानों की दशा व उनके जीवन में सुधार लाने के लिए अपने पीएम के कार्यालय में कई तरह की नीतियां शुरू की थी।
जुलाई 1979 से जनवरी 1980 तक देश के प्रधानमंत्री रहे चौधरी चरण सिंह ने एक बार कहा था कि सच्चा भारत अपने गांवों में बसता है।
बतौर पीएम अपने कार्यकाल में चौधरी चरण सिंह ने किसानों के हित में कई महत्वपूर्ण योजनाएं बनाईं, इसलिए देश के किसानों स्थिति में सुधार लाने का उन्हें श्रेय दिया जाता है। यह भी कहा जाता है कि चौधरी चरण सिंह ने सर छोटू राम की विरासत को आगे बढ़ाया, उन्होंने 23 दिसंबर 1978 को किसान ट्रस्ट भी बनाया, ताकि देश में किसानों के मुद्दों के बारे में जागरूकता फैलाई जा सके।
राष्ट्रीय किसान दिवस इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस दिन देशभर में किसानों के योगदान का जश्न मनाने के मकसद से कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं ताकि खेती के प्रति किसानों को प्रोत्साहित किया जा सके।
देश मेें कई जगह सेमिनार करवाकर किसानों को सरकार की कृषि से जुड़ी योजनाओं के बारे में भी अवगत कराया जाता है। इसके अलावा किसान दिवस को मनाने का एक और मकसद कृषि क्षेत्र की नवीनतम सीखों के साथ समाज के किसानों को सशक्त बनाने का विचार देना भी है। इस अवसर पर होने वाले समारोह के जरिये लोगों को किसानों के विभिन्न मुद्दों के बारे में शिक्षित भी किया जाता है।
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देश के हर व्यक्ति को समझना होगा कि पेट भरने के लिए जो हम भोजन करते हैं वह किसान ही खेतों में सर्दी हो या भीषण गर्मी, सभी मौसमों में कड़ी मेहनत करके उपजाते हैं। फल-सब्जियों के अलावा दालें, चावल और अन्य खाद्य चीजें हमें किसानों की मेहनत से ही मिलती हैं, इसलिए यह साफ है कि किसान नहीं हों तो हमारा कोई अस्तित्व नहीं रह पाएगा। हम भोजन के बिना जिंदा नहीं रह सकते।
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