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Rahul Gandhi Disqualified: राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द कर दी गई है। जिसके बाद वो अपने करियर के सबसे बड़े संकट से जूझ रहे हैं। उनकी संसद सदस्यता रद्द करने का फैसला उनकी ‘मोदी सरनेम’ टिप्पणी पर आपराधिक मानहानि मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद लिया गया है। मौजूदा स्थिति में राहुल गांधी अब 8 साल तक चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। गौरतलब है कि 2 साल या उससे ज्यादा की सजा होने के बाद सांसद या विधायक की सदस्यता रद्द हो जाती है। यहां सवाल उठता है कि संसद सदस्यता रद्द होने के बाद अब राहुल गांधी के सामने क्या रास्ते बचे हैं?
सबसे पहले राहुल गांधी को नियमित जमानत के लिए अर्जी दाखिल करना होगा। राहुल गांधी नियमित जमानत अगर 30 दिन के अंदर नहीं मिलती है तो उन्हें सरेंडर करना होगा। उनको सबसे पहले सेशन कोर्ट जाना होगा। सेशन कोर्ट से राहत नहीं मिलने पर उन्हें सुप्रीम कोर्ट तक जाना होगा। जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत 2 साल ये उससे ज्यादा की सजा पर सांसदी या विधायकी चली जाती है।
राहुल के पास अभी फिलहाल एक ही रास्ता है कि ऊपरी अदालत राहुल गांधी की दोषसिद्धी वाली सजा को ही निलंबित कर दे। तो वह लोकसभा के लिए अयोग्य नहीं होंगे। लिली थॉमस और लोक प्रहरी मामले में सुप्रीम कोर्ट के 2013 और 2018 के फैसलों में जनप्रतिनिधित्व कानून में अयोग्यता से बचने का एक ही रास्ता है कि या तो सजा निलंबित कर दी जाए या फिर दोषी करार दिए जाने के फैसले को निलंबित कर दिया जाए।
अपनी शिकायत में भाजपा विधायक ने आरोप लगाया कि गांधी ने 2019 में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कथित तौर पर पूरे मोदी समुदाय को बदनाम किया, “सभी चोरों का उपनाम मोदी कैसे हो सकता है?” मोदी, भूपेंद्र पटेल सरकार के पहले कार्यकाल में मंत्री थे। वह दिसंबर में हुए चुनाव में सूरत पश्चिम विधानसभा सीट से फिर से विधायक बने। कांग्रेस नेता के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 499 और 500 (मानहानि से निपटने) के तहत मामला दर्ज किया गया था। राहुल, आखिरी बार अपना बयान दर्ज कराने के लिए अक्टूबर 2021 में सूरत की अदालत में पेश हुए थे।
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