इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट ने रामनवमी और हनुमान जयंती पर दिल्ली व देश के अन्य राज्यों में हुई हिंसा की पूर्व मुख्य न्यायाधीश द्वारा न्यायिक जांच की मांग को लेकर दायर याचिका खारिज कर दी। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने जनहित याचिका (PIL) को खारिज करते समय याचिकाकर्ता वकील से यह भी कहा कि आप उस राहत के लिए मत पूछो जो इस अदालत द्वारा नहीं दी जा सकती।
रामनवमी (Ram Navami) और हनुमान जयंती के मौके पर कुछ राज्यों में हाल ही में हिंसा भड़क गई थी और वकील विशाल तिवारी ने इन घटनाओं की जांच को लेकर एक पीआईएल (PIL) दायर कर हिंसा की जांच पूर्व मुख्य न्यायाधीश (CJI) की अध्यक्षता में कराने की मांग की थी। जस्टिल एल नागेश्वर राव और बीआर गवई की बेंच ने याचिका को पीआईएल खारिज करते हुए कहा, कि आप एक पूर्व सीजेआई से न्यायिक जांच चाहते हैं। क्या कोई फ्री है? आप पता लगाएं और हमें बताएं।
वकील विशाल तिवारी ने मामले में शीर्ष अदालत में बहस के दौरान कहा कि देश में हालात चिंताजनक हैं और सिर्फ एकतरफा जांच चल रही है। इसके जवाब में मामले की सुनवाई कर रही बेंच ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा, आप एक पूर्व सीजेआई से न्यायिक जांच चाहते हैं। उन्होंने कहा, क्या कोई फ्री है? आप पता लगाएं और हमें बताएं।
गौरतलब है कि हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) के अवसर पर गत 16 अप्रैल को देश की राजधानी दिल्ली के जहांगीरपुरी में हिंसा भड़की थी और इस दौरान पथराव में करीब 7 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। इससे पहले मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, गुजरात, राजस्थान और झारखंड में हिंसा हुई थी। इस दौरान भी कई लोग घायल हो गए।
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