इंडिया न्यूज, यूक्रेन :
Russia Terrified by the Solidarity of Western Countries, Withdrawal of Troops : रूस व यूक्रेन में युद्ध के हालात एक बार फिर से समाप्ति होकर बढ़ रहे हैं, जो कई देशों के लिए फायदेंमंद है। इसकी मुख्य वजह पश्चिमी देशों की एकजुटता है। इसकी वजह से रूस ने कई इलाकों से अपने सैनिकों को वापस बुला लिया। इसके बाद कई देशों ने राहत की सांस ली है। अगर दोनों देशों में युद्ध होता तो अर्थव्यवस्था के साथ कई देशों में हालात काफी हद तक बिगड़ जाते।
रूस ने यूक्रेनी सीमा से और अधिक सैनिकों की वापसी की घोषणा की है लेकिन अमेरिका को रूस पर भरोसा नहीं है। वॉशिंगटन का कहना है कि मॉस्को अभी भी अपने पश्चिमी समर्थक पड़ोसी यूक्रेन पर संभावित आक्रमण के लिए सेना को मजबूत कर रहा है।
समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक जर्मनी से बातचीत के बाद यूक्रेन के पास तैनात ठिकानों से रूसी सैनिक वापस आने लगे हैं। रूस के कदम खींचने के पीछे एक और वजह पश्चिमी देशों का एकजुट होकर एक राजनयिक प्रयास को आगे बढ़ाना रहा। बता दें कि मास्को द्वारा यूक्रेन की सीमाओं के पास 100,000 से अधिक सैनिकों को जमा करने के बाद हमले की आशंका और बढ़ गई थी जिसने अमेरिका के साथ-साथ कई देशों की नींद उड़ा दी है। कई देशों का कहना है कि अगर रूस हमला करता है तो यूक्रेन के साथ-साथ कई देश तबाह हो जाएंगे।
जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कॉल्ज ने रूस को चेतावनी देते हुए कहा था कि वह तनाव बढ़ाकर पश्चिमी सहयोगियों के सब्र का इम्तिहान न ले। उन्होंने कहा कि हम सभी के लिए यह नाजुक स्थिति है। रूस हमारी एकता को कमजोर न समझे। हम यूरोपीय संघ व नाटो के साथ एकजुट हैं। स्कॉल्ज ने यह भी कहा कि हम हमारे सहयोगियों की चिंताओं को बहुत गंभीरता से लेते हैं।
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