इंडिया न्यूज़, पंचकूला :
कहते हैं कि दुनिया में अगर सबसे बड़ा दान कन्यादान होता है। जिसमें पिता अपने जिगर के टुकड़े को खुशी-2 अपने घर से विदा करते हुए फख्र महसूस करता है। वह लड़की किसी दूसरे घर में जाकर उसे रोशन करती है। लेकिन यहां एक पिता ने अपनी ही बीमार बेटी के अंगों को दान कर कम से कम नौ लोगों की जिंदगी को रोशन करने का फैसला लिया है।
पंजाब के मोहाली में रहने वाले अमित गुप्ता के परिवार की इसी माह एक सड़क हादसे में मौत हो गई थी। इस दौरान बेटी ढाई साल की मासूम अनायिका बच तो गई लेकिन उसका बे्रन डेड हो गया। काफी इलाज करने के बाद भी जब वह ठीक नहीं हुई और आखिरकार उसकी मौत हो गई। दुख की इस घड़ी में पिता बुरी तरह से बिखर गया। लेकिन उसने एक ऐसा फैसला लिया जिससे उसकी बेटी फिर से दुनिया में जिंदा रह सके। उसने अपनी बेटी के अंग दान करने का साहसी फैसला लिया है।
जानकारी के मुताबिक अनायिका के दिल को मैचिंग के लिए चेन्नई भेजा गया है। मरीज मिलने पर बच्ची के हृदय मरीज में ट्रांसप्लांट किया जाएगा। वहीं लिवर को अहमदाबाद भेजा गया है। किडनी और आंखों के प्रत्यारोपण के लिए मरीजों की मैचिंग की जा रही है। इसके अलावा पैंक्रियाज का भी प्रत्यारोपण कर दिया गया है। अनायिका के पिता के इस साहसिक फैसले की देशभर में सराहना की जा रही है।
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