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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Sedition Law: सुप्रीम कोर्ट ने आज राजद्रोह कानून पर रोक लगा दी। इसी के साथ शीर्ष अदालत ने सरकार को आईपीसी की धारा 124ए के प्रावधानों (Provisions of section 124A) पर समीक्षा (review) की इजाजत भी दे दी। इस धारा के अंतर्गत केंद्र व राज्य सरकारों को राजद्रोह कानून का कोई भी केस दर्ज न करने का आदेश दिया गया है। कोर्ट के आदेश के मुताबिक सरकारें इस कानून की समीक्षा होने तक उक्त धारा के तहत कोई मामला न दर्ज कर सकेंगी इन ही ऐसे किसी मामले की जांच कर सकेंगी।
सुप्रीम कोर्ट ने राजद्रोह कानून के मामले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान यह भी कहा कि यदि राजद्रोह के केस दर्ज होते हैं, तो वह पक्ष राहत के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकता है। ऐसे मामलों का कोर्ट को तेजी से निपटारा करना होगा। शीर्ष अदालत ने कहा कि आरोपी को राहत मिलनी जारी रहेगी। याचिका पर अगली सुनवाई अब जुलाई में होगी।
सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कल राजद्रोह कानून मामले में हुई सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत के समक्ष केंद्र सरकार का पक्ष रखा। उन्होंने कहा था कि गंभीर अपराधों को दर्ज करने से नहीं रोका जा सकता। इसलिए, जांच के लिए एक जिम्मेदार अफसर होना चाहिए और उसकी संतुष्टि न्यायिक समीक्षा के तहत है। सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि राजद्रोह के मामले दर्ज करने के लिए एसपी ओहदे के अफसर को जिम्मेदार बनाया जा सकता है।
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Supreme Court Stays Sedition Law
सुप्रीम कोर्ट ने राजद्रोह कानून पर रोक लगाई रोक
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