संबंधित खबरें
‘नहीं हटाउंगी बुर्का’ हाईकोर्ट के जज से भिड़ गई मुस्लिम महिला वकील, जब मंगवाई गई रिपोर्ट तो…
PM Modi ने दे दिया नए साल का तोहफा, मोबाइल यूजर्स को मिली बड़ी खुशखबरी, इस फैसले का 150 मिलियन ग्राहकों को मिलेगा फायदा
अटल बिहारी वाजपेयी का लोहा मानते थे पंडित नेहरू, धुर विरोधी को घोषित कर दिया था प्रधानमंत्री, दिल जीत लेगी उस दौर की राजनीति
अंतरिक्ष में ISRO की ऐतिहासिक छलांग, मुंह ताकेंगे अमेरिका, चीन और रूस, PAK की छाती पर भी लोटेगा सांप
मैं अविवाहित पर कुंआरा नहीं हूं…, कौन थी वो खूबसूरत आंखों वाली लड़की जिसके प्यार में दिवाने थे वाजपेयी, जानें कैसे हुआ एक महान प्रेम कहानी का अंत
कितना कमाती थी Atul Subhash की पत्नी? होश उड़ा देंगी निकिता सिंघानिया की काली करतूतें, केस में आया नया मोड़
इंडिया न्यूज नई दिल्ली :
Space Mission भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के Chandrayaan-2 orbiter और अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA के Lunar Reconnaissance Orbiter (LRO) के बीच अंतरिक्ष में पिछले महीने टक्कर होने की आशंका पैदा हो गई थी जिसे Chandrayaan-2 orbiter के मार्ग में परिवर्तन कर टालने में इसरो ने कामयाबी हासिल कर ली।
इसरो ने कल बयान जारी कर यह जानकारी दी। इसरो नियमित रूप से ऐसे महत्वपूर्ण करीबी दूरी के आॅब्जेक्ट्स की निगरानी करता है। हालांकि, यह पहली बार है जब इसरो के एक महत्वपूर्ण अंतरिक्ष अन्वेषण मिशन के लिए इस तरह की कवायद करने की जरूरत पड़ी।
Read More : Story of ISRO Indian Space Research Organisation रोचक है इसरो की कहानी
इसरो के अधिकारियों ने बताया कि 20 अक्टूबर को CH2O और LRO चंद्रमा के उत्तरी ध्रुव के पास एक-दूसरे के बेहद करीब आने वाले थे। उन्होंने बताया कि दोनों ही एजेंसियों (NASA and ISRO) ने एक सप्ताह पहले से स्थिति का विश्लेषण करना शुरू कर दिया था और इस नतीजे पर पहुंचे थे कि निर्धारित समय पर दोनों आॅर्बिटर के बीच रेडियल दूरी 100 मीटर से भी कम जबकि बिल्कुल नजदीकी पहुंच दूरी करीब 3 किलोमीटर रह जाएगी।
नासा व इसरो ने माना कि दोनों की संभावित टक्कर को टालने के लिए उपाय करने (CAM) की जरूरत है। इसके लिए सीएच2ओ की कक्षा को बदलना होगा। इसके बाद इसरो ने 18 अक्टूबर को चंद्रयान2 आॅर्बिटर की नई कक्षा निर्धारित की और ये भी सुनिश्चित किया कि निकट भविष्य में दोनों की ऐसी कोई निकटता न हो। चंद्रयान2 आॅर्बिटर की तरह एलआरओ भी चंद्रमा की ध्रुवीय कक्षा में परिक्रमा करता है और इसलिए, दोनों अंतरिक्ष यान चंद्र ध्रुवों पर एक दूसरे के करीब आते हैं। बता दें कि पृथ्वी की कक्षा में उपग्रहों के मलबे और अन्य अंतरिक्ष वस्तुओं के कारण टकराव के जोखिम को कम करने के लिए अंतरिक्ष एजेंसियों के लिए सीएएम की कवायद सामान्य गतिविधि है।
Read More :Elon Musk SpaceX Mission: अब आप भी कर सकते हैं अंतरिक्ष की यात्रा
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.