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Subhas Chandra Bose Statue India Gate: आज इंडिया गेट पर नेताजी बोस की प्रतिमा का पीएम मोदी करेंगे अनावरण

Suman Tiwari • LAST UPDATED : January 23, 2022, 1:02 pm IST
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Subhas Chandra Bose Statue India Gate: आज इंडिया गेट पर नेताजी बोस की प्रतिमा का पीएम मोदी करेंगे अनावरण

Statue of Subhash Chandra Bose will Be Installed At India Gate Today

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
 Subhas Chandra Bose Statue India Gate: हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर यह जानकारी दी थी या कहें ऐलान किया था कि नई दिल्ली इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Subhas Chandra Bose) की मूर्ति लगाई जाएगी। पीएम ने ये ऐलान ऐसे समय पर किया है जब भारत सरकार ने इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति पर जलने वाली लौ को नेशनल वॉर मेमोरियल की लौ के साथ मर्ज (विलय) करने का फैसला किया है।

Statue of Subhash Chandra Bose will Be Installed At India Gate Today

(subhash chandra bose statue in india) प्रधानमंत्री ने यह भी कहा था कि जब तक नेताजी सुभाष चंद्र बोस की भव्य प्रतिमा पूरी नहीं हो जाती, तब तक उनकी होलोग्राम प्रतिमा उसी स्थान पर मौजूद रहेगी। ”मैं नेताजी की 125वीं जयंती पर 23 जनवरी को होलोग्राम प्रतिमा का ही अनावरण करूंगा”। बता दें कि इंडिया गेट पर पहले ब्रिटेन के राजा जॉर्ज पंचम की प्रतिमा लगी थी।

(azad hind fauj founder) नेताजी की इंडिया गेट पर प्रतिमा लगाने की घोषणा के बाद से ही एक बार फिर से सोशल मीडिया पर ये चर्चा शुरू हो गई है कि क्या पंडित जवाहरलाल नेहरू नहीं बल्कि सुभाष चंद्र बोस देश के पहले प्रधानमंत्री थे?। प्रधानमंत्री मोदी के इस फैसले से कांग्रेस समेत विपक्षी दल केंद्र सरकार पर निशाना साध रहे हैं।

Statue of Subhash Chandra Bose will Be Installed At India Gate Today

किसने बनाई थी आजाद हिंद की पहली सरकार

(Netaji first proclamation of Azad hind government) 21 अक्टूबर 1943 को नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने भारत की पहली स्वतंत्र अस्थाई सरकार का गठन किया था, जिसका नाम था-आजाद हिंद सरकार। (Netaji Azad Hind Government) बोस ने इस सरकार का गठन दूसरे विश्व युद्ध के दौरान सिंगापुर में किया था। नेताजी ने इस सरकार को आजाद भारत की पहली ”अर्जी हुकुमते-आजाद हिंद’ कहा था, इसे निर्वासित सरकार (गवर्नमेंट इन एग्जाइल) भी कहा जाता है। (Azad Hind Formation Anniversary)

नेताजी ने ‘गर्वनमेंट इन एग्जाइल’ का गठन करते ही भारत को अंग्रेजों के शासन से मुक्त कराने के लिए सशस्त्र संघर्ष शुरू किया था। बोस को यकीन था कि यह सशस्त्र संघर्ष ही देशवासियों को आजादी हासिल करने में मदद करेगा। बाद में जापान ने अंडमान-निकोबार द्वीप को भी नेताजी की अगुवाई वाली आजाद हिंद सरकार को सौंप दिया था।

क्या नेता जी अस्थाई सरकार के पीएम थे?

निर्वासित या ”गवर्नमेंट इन एग्जाइल” सरकार में नेताजी हेड आॅफ स्टेट और प्रधानमंत्री थे। वहीं महिला संगठन की कमान कैप्टन लक्ष्मी सहगल के हाथों में थी। इस सरकार में प्रचार विंग एसए अय्यर संभालते थे।

क्रांतिकारी नेता रास बिहारी बोस को नेताजी का प्रधान सलाहकार बनाया गया था। आजाद हिंद सरकार के पास अपना बैंक, करेंसी, सिविल कोड और स्टैंप भी थे। बोस ने आजाद हिंद फौज में देश की पहली महिला रेजिमेंट-रानी झांसी रेजिमेंट का भी गठन किया था।

कितने से देशों ने दी थी नेताजी की सरकार को मान्यता?

नेताजी सुभाष चंद्र बोस की ओर से गठित देश की पहली आजाद सरकार को उस समय धुरी राष्ट्रों के गुट में शामिल जर्मनी, जापान, इटली, क्रोएशिया, थाईलैंड, बर्मा, मंचूरिया, फिलीपींस समेत आठ देशों ने मान्यता दी थी और उसका समर्थन किया था।

क्या होती है ‘गवर्नमेंट इन एग्जाइल’ या निर्वासित सरकार?

निर्वासित सरकार (गवर्नमेंट इन एग्जाइल) एक ऐसा राजनीतिक समूह है जो किसी देश की वैध सरकार होने का दावा करती है, लेकिन वह किसी अन्य देश में रहने की वजह से सरकार की कानूनी शक्तियों का प्रयोग करने में असमर्थ होती है। आमतौर पर निर्वासित सरकारों की योजना एक दिन अपने मूल देश लौटने और औपचारिक सत्ता हासिल करने की होती है।

नेताजी के प्रपौत्र ने कहा था बोस ही थे देश के पहले पीएम

2017 में नेताजी के प्रपौत्र चंद्र बोस ने कहा था कि सुभाष चंद्र बोस ही देश के पहले पीएम थे। उन्होंने कहा कि नेताजी आजाद हिंद फौज के प्रमुख थे और उन्होंने अंडमान-निकोबार द्वीप में भारत का झंडा लहराया था। ऐसे में नेताजी जी देश के पहले पीएम थे, भले ही वह निर्वासित सरकार के पीएम थे। देशवासियों को स्वतंत्रता संग्राम के असली तथ्यों की जानकारी देने के लिए आजादी की लड़ाई का इतिहास दोबारा लिखा जाना चाहिए।

आजादी की लड़ाई में क्या थी नेताजी की भूमिका? (Statue of Subhash Chandra Bose will Be Installed At India Gate Today)

आजादी की लड़ाई में नेताजी कई बार जेल गए थे। 1940 में अंग्रेजों ने नेताजी को कलकत्ता में उनके घर पर नजरबंद कर दिया गया था। 26 जनवरी 1941 को कैद से भाग निकले और काबुल और मास्को के रास्ते होते हुए अप्रैल में हिटलर के शासन वाले जर्मनी पहुंच गए।

जापान के साउथ ईस्ट एशिया पर हमले के बाद बोस मई 1943 में जापान पहुंचे। जुलाई 1943 में उन्होंने आजाद हिंद फौज की कमान संभाली। 21 अक्टूबर 1943 को नेताजी ने भारत की पहली स्वतंत्र अस्थाई सरकार के गठन का ऐलान कर दिया। 1944 में आजाद हिंद फौज के सैनिकों को संबोधित करते हुए नेताजी ने प्रसिद्ध नारा दिया था, तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा।

Statue of Subhash Chandra Bose will Be Installed At India Gate Today

क्यों पंडित नेहरू हैं देश के पहले पीएम?

  • आजादी से ठीक पहले 29 अप्रैल 1946 को हुए कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में महात्मा गांधी के समर्थन से पंडित जवाहल लाल नेहरू कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए। उस समय भारत आजादी की दहलीज पर खड़ा था और आजाद भारत की पहली अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में उस समय की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस के अध्यक्ष को ही देश का प्रधानमंत्री बनाया जाना था।
  • जवाहर लाल नेहरू 15 अगस्त 1947 को देश की आजादी के बाद गठित पहली अंतरिम सरकार के प्रमुख यानी प्रधानमंत्री बने। उन्होंने 15 अगस्त 1947 को संप्रभु भारत के पहले प्रधानमंत्री के तौर पर लाल किले पर तिरंगा फहराया था यानी आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू थे।
  • नेहरू 1951, 1957 और 1962 में चुनाव जीतते हुए 17 साल तक देश के प्रधानमंत्री रहे। उनकी पद पर रहते हुए ही 27 मई 1964 को दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी।

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