इंडिया न्यूज, श्रीनगर:
Terrorist Attack Update जम्मू-कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर के जेवन इलाके में कल शाम को हुए आतंकी हमले में गंभीर रूप से घायल हुआ तीसरा जवान भी आज शहीद हो गया। दो पुलिसकर्मियों ने सोमवार को ही उपचार के दौरान अस्पताल में दम तोड़ दिया था, जबकि एक की हालत गंभीर बनी हुई थी। हमले में घायल 11 जवानों का अस्पताल में इलाज चल रहा है और इनमें भी तीन की हालत चिंताजनक बनी हुई है। हमले का कारण सुरक्षा बलों की बढ़ी लापरवाही हो सकता है, क्योंकि आतंकियों ने जिस पुलिस बस को निशाना बनाया है वह बस न बुलेट प्रूफ थी और न ही उसमें मौजूद जवानों के पास हथियार थे।
गृह मंत्रालय जम्मू-कश्मीर प्रशासन के संपर्क में है और हमले के मुख्य कारणों का पता लगाया जा रहा है। दरअसल इस बात का खुलासा नहीं किया जा रहा है कि बस में बैठे सुरक्षाकर्मी पूरी तरह से हथियारों से लैस थे या नहीं। प्राप्त जानकारी के अनुसार बहुत पुलिसकर्मी ऐसे थे जिनके पास हथियार थे।
अधिकारियों का कहना है कि वारदात के विभिन्न पहलुओं को खंगाला जा रहा है और यह भी पता लगाया जा रहा है कि हमलावर विदेशी हैं या स्थानीय। बता दें कि आतंकियों ने बस को रोकने के लिए सबसे पहले टायर पर पर फायरिंग की और उसके बाद बस पर तीनों ओर से अंधाधुंध गोलियां बरसाना शुरू कर दीं। 14 फरवरी 2019 को पुलवामा के लस्सीपोरा इलाके में भी इस तरह सीआरपीएफ के वाहन पर आत्मघाती हमले में 40 जवानों को मौत के घाट उतार दिया था।
अधिकारियों ने बताया है कि वारदात में शामिल हाइब्रिड आतंकी हो सकते हैं। जिस तरह से हमले को अंजाम दिया गया है उससे साफ है कि हमले से पहले पूरी तरह रेकी की गई होगी। आतंकियों को इस बात की जानकारी जरूर रही होगी कि जिस गाड़ी पर सुरक्षाकर्मी जा रहे हैं वह बुलेटप्रूफ नहीं है।
आतंकी लगातार नए निशाने और हमले के नए तरीके अपना रहे हैं। ऐसे हमलों को अंजाम देने के लिए खासकर उन युवाओं का इस्तेमाल किया जा रहा है जिनका पहले आतंक से नाता नहीं रहा है। ऐसे युवा किसी आतंकी गुट में शामिल नहीं होते। उन्हें आतंकी गतिविधि के लिए हथियार व पैसा दिया जाता है।
(Terrorist Attack Update)
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