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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
जब भी आप रेल में सफर करते हैं तो आपने रेल ट्रेक पर गिट्टी पड़ी हुई देखी होगी और सोचा होगा कि आखिर रेल पटरी या ट्रैक के नीचे गिट्टी (पत्थर के टुकड़े) क्यों बिछाई जाती है। इसका क्या काम होता है। इससे क्या फर्क पड़ता है? ऐसी कई बातें मन में चलती होंगी। लेकिन क्या आपके पास इसका उत्तर है? भारतीय रेलवे ने इसकी वजह अपने एक ट्विटर पोस्ट के जरिए बताई है। पोस्ट में यह भी बताया है कि कैसे गिट्टी ट्रैक (small stones placed on railway tracks) के लिए बेहद जरूरी है। भारतीय रेल (Indian Railways) मॉडर्न मशीनों से समय-समय पर गिट्टी की देखभाल भी करती है।
रेलवे ट्रैक पर गिट्टी बिछाने के पीछे क्या है वजह, भारतीय रेल क्यों करती है समय-समय पर गिट्टी की देखभाल?
अगर आपके मन में भी हैं ये सवाल, तो इस वीडियो से मिलेगा आपके हर सवाल का जवाब। pic.twitter.com/wYzaTiskm6
— Ministry of Railways (@RailMinIndia) May 12, 2022
रेल मंत्रालय ने जानकारी दी है कि दरअसल रेल पटरी दिखने में जितनी साधारण होती है, उतनी वो नहीं होती है। पहले के समय में रेल पटरियों के नीचे पहले लकड़ी और फिर लोहे की प्लेटें लगी होती थीं। लेकिन समय के साथ बदलाव हुए और अब कंक्रीट की प्लेटें लगाई जाती हैं, जिन्हें स्लीपर कहा जाता है। इन्हीं स्लीपर (railway tracks) के नीचे पत्थर के टुकड़े या कहें गिट्टी बिछी होती है।
रेलवे की भाषा में पटरी से नीचे की गिट्टी को ब्लास्ट कहते हैं। इस ब्लास्ट के नीचे अलग-अलग तरीके से दो लेयर में मिट्टी होती है। इन सभी लेयर के सबसे नीचे सामान्य जमीन होती है।
मंत्रालय ने आगे बताया कि एक ट्रेन का वजन करीब कई मीट्रिक टन के बराबर होता है। जब ट्रैक पर ट्रेन चलती है तो उससे कंपन्न पैदा होता है। इस वजह से पटरियों के बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए कंपन्न कम करने के लिए और पटरियों को फैलने से रोकने के लिए ट्रैक पर गिट्टी बिछाई जाती है।
भारतीय रेलवे ने कहा है कि ट्रैक का रखरखाव बहुत जरुरी होता है। आज के समय में भारतीय रेल मॉडर्न ट्रैक मशीनों की मदद से टैक की देखभाल कर रही है। व्यस्त रूट्स पर इस लेटेस्ट टेक्नोलॉजी की मदद से स्पीड और क्वालिटी में बड़ा सुधार आया है। साथ ही सुरक्षा में बढ़ोतरी और खर्च में भी गिरावट आई है।
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