Online Gaming Addiction से बच्चों को निकालना चाहते है बाहर, जानें इससे बाहर लाने के स्मार्ट टिप्स
कैसे करें बच्चों की ऑनलाइन गेमिंग बंद करने के 5 टिप्स
बच्चे लगातार स्क्रीन पर रहने से आंखों की रोशनी कमजोर हो सकती है, शरीर थक सकता है, नींद में गड़बड़ी हो सकती है, और अकेलेपन या गुस्से जैसी भावनात्मक समस्याएँ भी उभर सकती हैं.अगर आप अपने बच्चे की इस लत से चिंतित हैं, तो यहां हम पेश कर रहे हैं 5 आसान और असरदार टिप्स, जिनकी मदद से आप अपने बच्चे को धीरे-धीरे ऑनलाइन गेमिंग से दूर ला सकते हैं.
प्यार से गेमिंग के नुकसान समझाएं
बच्चों को अचानक गेम बंद करने के लिए डाँटना या रोकना काम नहीं करता। इससे वे और ज़िद्दी हो जाते हैं या चोरी-छिपे गेम खेलने लगते हैं. बच्चों को प्यार और समझदारी से समझाएं कि अधिक गेमिंग से क्या नुकसान हो सकते हैं. जैसे कि आंखों की रोशनी कमजोर होना, मोटापा, शरीर में दर्द, नींद की कमी, चिड़चिड़ापन और स्ट्रेस. धीरे-धीरे बच्चे इन बातों को मानना शुरू करेंगे और खुद ही अपनी आदत पर नियंत्रण रखना सीखेंगे.
गेमिंग के लिए टाइम टेबल बनाएं
समय का सही प्रबंधन बच्चों को लत से बचाने का सबसे असरदार तरीका है. दिन में केवल तय समय पर ही गेम खेलने की अनुमति दें, जैसे 30 मिनट या 1 घंटा. पढ़ाई, खेल या अन्य गतिविधियों के बाद ही गेम खेलने दें. हफ्ते में 1–2 दिन स्क्रीन-फ्री दिन रखें. मोबाइल या कंप्यूटर में पैरेंटल कंट्रोल और टाइम लिमिट सेटिंग का इस्तेमाल करें. इससे बच्चा धीरे-धीरे अपने आप ही निर्धारित समय के बाद गेम बंद करना सीख जाएगा.
बच्चों के साथ क्वालिटी टाइम बिताएं
कई बच्चे इसलिए गेम में खो जाते हैं क्योंकि उन्हें अकेलापन महसूस होता है. माता-पिता के काम में बिजी रहने के कारण बच्चा खुद को अकेला महसूस करता है और गेम्स में समय बिताने लगता है. हर दिन कुछ समय बच्चे के साथ बिताएं. उनकी पसंदीदा एक्टिविटी में शामिल हों: खेल, पेंटिंग, म्यूजिक या डांस. पार्क में वॉक करें, बैडमिंटन या क्रिकेट खेलें. घर के छोटे कामों में उन्हें शामिल करें. जब बच्चा माता-पिता के साथ खुश रहेगा, तो गेम्स की जरूरत कम महसूस करेगा.
बाहर खेलने की आदत डालें
ताजी हवा और शारीरिक गतिविधि बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए बेहद जरूरी है. रोज़ाना बाहर खेलने के लिए प्रेरित करें. शुरू में खुद उनके साथ वॉक, साइकिलिंग या बॉल गेम खेलें. धीरे-धीरे बच्चे की आदत में बदलाव आएगा और स्क्रीन टाइम अपने आप कम हो जाएगा.
बच्चों की क्रिएटिविटी और टैलेंट को सही दिशा दें
ऑनलाइन गेम्स बच्चों के दिमाग को सक्रिय रखते हैं, लेकिन यह सक्रियता सिर्फ गेम में खर्च होती है. इसे सही दिशा देना ज़रूरी है. बच्चों को पेंटिंग, म्यूजिक, डांस, कुकिंग जैसी क्रिएटिव एक्टिविटी में लगाएं. उन्हें क्विज, ओलंपियाड, आर्ट कॉम्पटीशन जैसे प्रोग्राम में भाग लेने के लिए प्रेरित करें. उनके साथ जाकर उन्हें प्रोत्साहित करें ताकि वे कुछ नया सीखें और गेम से दूर रहें.
इन तरीको से मिलेगी मदद
बच्चों की गेमिंग लत को खत्म करना आसान नहीं, लेकिन धैर्य, समझदारी और सही मार्गदर्शन से इसे संभव बनाया जा सकता है. समय प्रबंधन, क्वालिटी टाइम, बाहर खेलने की आदत और क्रिएटिविटी को बढ़ावा देकर आप अपने बच्चे को न केवल डिजिटल लत से बचा सकते हैं, बल्कि उनकी शारीरिक और मानसिक वृद्धि को भी बेहतर बना सकते हैं.