बारिश के बाद फिर बढ़ा खतरा, सिर्फ बच्चे ही नहीं, बड़ो को भी जकड़ रहा है ये हैंड फुट माउथ डिजीज जाने इसके लक्षण और बचाव के उपाय
Precaution To Take From Hand Foot Mouth Disease: हैंड-फुट-माउथ डिज़ीज़ एक वायरल बीमारी है, जो बच्चों से लेकर बड़ों तक हो सकती है। यह कॉक्ससैकी वायरस के कारण फैलती है। इसमें हाथ, पैर और मुँह पर दर्दनाक लाल छाले और चकत्ते निकलते हैं। इसके साथ बुखार, सिरदर्द, भूख की कमी और मुँह में अल्सर जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। यह बीमारी ज़्यादातर बारिश के बाद के मौसम में बढ़ती है और छींकने-खाँसने से निकली बूंदों से एक व्यक्ति से दूसरे तक पहुँच सकती है।
हैंड-फुट-माउथ डिज़ीज़ क्या है?
हैंड-फुट-माउथ डिज़ीज़ एक वायरल बीमारी है। यह बच्चों से लेकर बड़ों तक को हो सकती है। इसमें हाथ, पैर और मुँह पर दर्दनाक लाल छाले और चकत्ते निकल आते हैं।
हैंड-फुट-माउथ डिज़ीज़ एक वायरल बीमारी है। यह बच्चों से लेकर बड़ों तक को हो सकती है। इसमें हाथ, पैर और मुँह पर दर्दनाक लाल छाले और चकत्ते निकल आते हैं।
बीमारी का कारण
यह बीमारी कॉक्ससैकी वायरस से होती है। यह वायरस शरीर में जाकर छाले और बुखार जैसी तकलीफ़ें पैदा करता है।
किसे ज़्यादा असर होता है
दिल्ली में डॉक्टरों ने 2 से 7 साल तक के बच्चों में यह बीमारी ज़्यादा देखी है। लेकिन अब यह बड़ों और बुज़ुर्गों में भी दिखाई देने लगी है।
कब बढ़ते हैं मामले
डॉक्टर्स के अनुसार, यह वायरस ज़्यादातर बारिश के बाद वाले मौसम में फैलता है। इस समय इसके केस तेज़ी से बढ़ जाते हैं।
कैसे फैलती है बीमारी
यह बीमारी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक फैल सकती है। बीमार व्यक्ति के छींकने, खाँसने या नाक साफ़ करने से निकली छोटी-छोटी बूँदों (ड्रॉपलेट्स) से यह फैलती है।
इसके लक्षण क्या हैं
बुखार और सिरदर्द होना, भूख में कमी आना, हाथ-पैर पर छाले हो जाना,गले और मुँह में अल्सर जैसा लगना, थकान और चिड़चिड़ापन होना
इससे बचाव के तरीके
बीमार व्यक्ति से दूरी बनाएँ, बार-बार हाथ धोएँ, साफ-सफाई का ध्यान रखें और शरीर में पानी की कमी (डिहाइड्रेशन), वज़न घटना, या पेशाब की दिक़्क़त होने पर तुरंत डॉक्टर से मिलें।