Supermoon Date 2025:आखिर चांद क्यों होगा 7% बड़ा और 16% ज्यादा चमकीला? जानें इसका ज्योतिषीय और वैज्ञानिक राज
Supermoon 2025: गुरुवार, 4 दिसंबर को शाम का आसमान देखने लायक होगा. इस दिन चांद 14% बड़ा और 30% ज्यादा चमकीला दिखेगा, जिसे कोल्ड मून भी कहते हैं, खास बात यह है कि यह कोई आम फुल मून नहीं है, बल्कि 2025 का तीसरा और आखिरी सुपरमून भी है. आइए जामते हैं इसके बारे में विस्तार से.
कोल्ड मून
साल का आखिरी सुपरमून 4 दिसंबर को दिखेगा, चांद धरती के पास आते ही 14% बड़ा और 30% ज्यादा चमकीला दिखेगा. इसे "कोल्ड मून" कहा जाता है, चांद और धरती के बीच की दूरी सिर्फ 357,218 किलोमीटर होगी.
ज्यादा चमकीला दिखेगा
इस साल का आखिरी सुपरमून गुरुवार, 4 दिसंबर को आसमान में अपना शानदार नजारा दिखाएगा. पूरा चांद आम दिनों के मुकाबले बड़ा और ज्यादा चमकीला दिखेगा.
चांद धरती के एकदम करीब होगा
इस दिन चांद धरती के बहुत करीब होगा, सिर्फ 357,218 किलोमीटर की दूरी पर. इस खास पूरे चांद को "कोल्ड मून" नाम दिया गया है.
30% तक ज्यादा चमकीला रहेगा
सुपरमून एक ऐसी घटना है जब चांद, धरती का चक्कर लगाते हुए, अपने सबसे करीबी पॉइंट, पेरिजी पर पहुंचता है, और पूरा चांद भी उसी दिन होता है. दूरी कम होने की वजह से, चांद नॉर्मल पूर्णिमा के मुकाबले लगभग 14% बड़ा और 30% तक ज़्यादा चमकीला दिखता है.
छत या खुली जगह से देखें
शहरों के रोशनी की तेज चमक सुपरमून की चमक को कम कर देती है. इसलिए, अगर आप इस अनोखे नज़ारे को ज्यादा साफ और खूबसूरती से देखना चाहते हैं, तो शहर की रोशनी से दूर, खुले मैदान या छत जैसी कोई जगह चुनें.
आखिरी सुपरमून
जहां लाइट पॉल्यूशन कम हो. दिसंबर की कड़ाके की ठंड में आसमान में चमकते 'कोल्ड मून' को देखने का यह सुनहरा मौका साल 2025 का आखिरी सुपरमून होगा.
सुपरमून भारत में कब दिखेगा
भारत में, शाम होते ही चांद दिखाई देगा और पूरी रात आसमान में सबसे ज़्यादा चमकेगा. अगली सुबह 8 से 9 बजे के बीच चांद डूब जाएगा, जिसका मतलब है कि आपके पास इसे देखने के लिए पूरी रात होगी.
चांद बड़ा कैसे दिखेगा
चांद को बड़ा दिखने का जो अद्भुत दृश्य हम कई बार देखते हैं, उसकी वजह होती है ‘मून इल्यूजन’. जब चांद पेड़ों, इमारतों या जमीन पास दिखाई देता है, तो वह हमें असल आकार से ज्यादा बड़ा लगता है. कम ऊंचाई पर दिखने वाला चांद हमारी आंखों को हमेशा कहीं ज्यादा बड़ा नजर आता है.चांद को बड़ा दिखने का जो अद्भुत दृश्य हम कई बार देखते हैं, उसकी वजह होती है ‘मून इल्यूजन’. जब चांद पेड़ों, इमारतों या जमीन पास दिखाई देता है, तो वह हमें असल आकार से ज्यादा बड़ा लगता है. कम ऊंचाई पर दिखने वाला चांद हमारी आंखों को हमेशा कहीं ज्यादा बड़ा नजर आता है.
चांद के चमकीला दिखने का कारण
जो चीज हमारे आखों के पास होती है, वह स्वाभाविक रूप से हमें बड़ी दिखती है, इसलिए चांद की दूरी बदलने पर उसका आकार भी बदलता महसूस होता है. चांद जब अपनी दीर्घवृत्ताकार कक्षा (elliptical orbit) में पृथ्वी के पास आता है (perigee), तो बड़ा और चमकीला दिखता है. वहीं जब वह दूर जाता है (apogee), तो थोड़ा छोटा और कम चमकीला लगता है.
सुपरमून का धार्मिक महत्व
भारत में सदियों से पूर्णिमा को धार्मिक और आध्यात्मिक रूप से बहुत जरूरी माना जाता रहा है. जब यह पूर्णिमा सुपरमून का रूप लेती है, तो इसका महत्व और भी बढ़ जाता है. सुपरमून का भावनाओं और मूड पर गहरा असर पड़ता है. यह इंट्यूशन, क्रिएटिविटी और मेंटल एनर्जी को मजबूत करता है. इस समय फाइनेंशियल तरक्की और सैलरी बढ़ने के भी पूरे चांस होते हैं.