(दिल्ली) : जब से अडानी ग्रुप को लेकर हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट आई है। देश में सियासी बवाल जारी है। पहले हिंडेनबर्ग और अडानी ग्रुप आमने सामने थे। अब अडानी मुद्दे पर सरकार और विपक्ष के बीच का मामला हो चूका है। जहां सियासत हिलकोरे ले रही है। बता दें, अडानी ग्रुप पर लगे फाइनेंशियल फ्रॉड के आरोपों की जांच की मांग के साथ कांग्रेस संसद से सड़क तक विरोध-प्रदर्शन कर रही है। कांग्रेस नेता सदन में इस मुद्दे पर बहस चाहते हैं। इसके लिए आज कांग्रेस सहित कई विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने संसद परिसर में गांधी की प्रतिमा के पास विरोध-प्रदर्शन भी किया है। साथ ही कांग्रेस ने देश के विभिन्न राज्यों में विरोध प्रर्दशन किया है।
वहीं, बीते दिन यानि रविवार को कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री मोदी से तीन सवाल किए थे। सवाल जारी करते हुए कांग्रेस नेता रमेश ने कहा ‘आज से अडानी -हिंडेनबर्ग मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी PM से प्रतिदिन तीन प्रश्न पूछेगी”। उसी तर्ज पर जयराम रमेश ने आज फिर से बयान जारी करते हुए PM मोदी से तीन सवाल किए।
"HAHK-हम अडानी के हैं कौन" श्रृंखला के तहत प्रधानमंत्री से हमारे आज के तीन सवाल। उनकी चुप्पी न सिर्फ रहस्यमई है बल्कि चुभने वाली भी है।
चुप्पी तोड़िए प्रधानमंत्री जी! pic.twitter.com/9uMQ1cYGed
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) February 6, 2023
LIC के निवेश के मुद्दे पर निशाना साधते हुए जयराम रमेश ने PM मोदी से सवाल किया कि “IDBI बैंक, न्यू इंडिया एश्योरेंस और जनरल इंश्योरेंस कॉरपोरेशन जैसे असफल विनिवेशों से उबारने के लिए LIC निधियों का यूज करने के संबंध में आपकी सरकार का लंबा ट्रैक रिकॉर्ड रहा है। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को ऐसी परिस्थितियों से उबारना एक बात है, लेकिन अपने पूंजीपति दोस्तों को और अमीर बनाने के लिए 30 करोड़ बफादार पॉलिसी धारकों की बचत का यूज करना दूसरी बात है। LIC ने जोखिम भरे अदाणी ग्रुप में इतना बड़ा निवेश कैसे किया, जबकि निजी फंड प्रबंधकों ने भी इससे किनारा कर लिया था? क्या यह सुनिश्चित करना सरकार का कर्तव्य नहीं है कि सार्वजनिक क्षेत्र के महत्वपूर्ण वित्तीय संस्थान निवेश करते समय अपने निजी क्षेत्र के समकक्षों की तुलना में अधिक सजग रहे? या फिर यह आपके पूंजीपति मित्रों को लाभ पहुंचाने के लिए आपके ‘मन की बैंकिंग’ का एक और उदाहरण था?”
कांग्रेस की ओर से किए गए दूसरे सवाल में जयराम ने कहा कि “अदानी ग्रुप के खिलाफ धोखाधड़ी और धन-शोधन के आरोप कुछ समय से सार्वजनिक पटल पर हैं। अदानी ग्रुप में प्रमुख फड़ों के निवेश के वास्तविक लाभार्थी कौन है। इस संबंध में अनेक सवाल उठते रहे हैं। विदेशी निवेशकों के वास्तविक स्वामित्व संबंधी धोखाधड़ी के मामलों में, सेबी द्वारा एक मामले की जांच सहित कुल 4 मामलों में जांच की गई है। इस जानकारी को समक्ष रखते हुए, क्या प्रधानमंत्री कार्यालय वित्त मंत्रालय या स्वंय LIC में से किसी ने इन संदिग्ध निवेशों के बारे में कोई चिंता व्यक्त की थी? क्या ऐसी चिंताओं को खारिज कर दिया गया था और यदि हां, तो किसके द्वारा?”
आज कांग्रेस का तीसरा सवाल रिटेल निवेशकों के विश्वास और LIC में गिरावट को लेकर रहा। जमराम रमेश ने कहा कि “हिंडनबर्ग के आरोपों के बाद पहली बिकवाली में LIC द्वारा खरीदे गए अदानी ग्रुप के शेयरों का मूल्य ₹32,000 करोड़ गिर गया, जिससे LIC की स्वयं की स्वीकारोक्ति के अनुसार 27 जनवरी 2023 को उसके शेयरों का मूल्य ₹56,142 करोड़ रह गया। तब से अदानी कास्ट्रक्चर के कई शेयरों में 50% की और गिरावट आई है। क्या आप 24 जनवरी के बाद LIC के द्वारा अदानी ग्रुप में किए गए निवेश से हुए नुकसान की सही जानकारी सार्वजनिक रूप से साझा करेंगे? निफ्टी 50 सूचकांक में 2% की गिरावट की तुलना में LIC का सूचीबद्ध मूल्य पिछले दो हफ्तों में 14% गिर गया है। चूंकि LIC द्वारा अदानी ग्रुप में दिशाहीन निवेश से इसके 34 लाख रिटेल निवेशकों का इसमें विश्वास कम हो रहा है। ऐसे में आप उनकी चिंताओं को कम करने के लिए क्या कदम उठाएंगे?”
Get Current Updates on News India, India News, News India sports, News India Health along with News India Entertainment, India Lok Sabha Election and Headlines from India and around the world.