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India News (इंडिया न्यूज़), Bihar News: अंधविश्वास यानि विश्वास के लिए कोई उचित कारण की आवश्यकता नहीं। परिवार और समाज में जिन परंपराओं, मान्यताओं को बचपन से देखा या सुना बस उसी के लकीर में चल पड़ना। अंधविश्वास खासतौर पर अनपढ़ों के मन-मस्तिष्क में इतना गहरा असर छोड़ देता है कि जीवनभर वह इन अंधविश्वासों से बाहर नहीं निकल पाता। अंधविश्वास अधिकतर दुर्बल व्यक्तित्व, दुर्बल मनोविज्ञान और दुर्बल मानसिकता के लोगों में देखने को मिलता है। जीवन में असफल और निराश रहे लोग अधिकतर अंधविश्वास में पड़ जाते है। बिहार में कुछ ऐसा ही हो रहा है।
बेगूसराय के देहाती इलाके में इन दोनों एक महिला की खूब चर्चा है। ललिता देवी नाम की यह महिला, यीशु बाबा के नाम से दरबार सजाती है। तेल और पानी से, कमर दर्द से लेकर कैंसर तक का इलाज करने का दावा करती है। इन दिनों यह दरबार धमोली गांव में लगा हुआ है ।यह गांव काफी पिछड़ा है और यहां आसपास पूरी तरह दलित बस्ती है। इलाज करने के लिए ललिता देवी जब आती हैं तो बांस के घेरे में खड़ी होती है। और फिर मंत्र पढ़कर इशू बाबा से बात करती है।
फिर मरीजों से कहती है आपके हाथ में जो पानी है वह पी लीजिए और जो तेल दिया गया है, वह लगा लीजिए। बीमारी ठीक हो जाएगी। चमत्कार पर सिर झुकाना लोगों की पुरानी आदत है। यहां गरीब और अनपढ़ महिलाएं इसे ईश्वर का चमत्कार मानती हैं। यह कहती भी है कि हम लोग ठीक हो गए है , अब दर्द नही है। वैसे इस ललिता देवी पर धर्म परिवर्तन के भी अब आरोप लग रहे हैं। कुछ लोग यह कहने से नहीं चूकते कि यीशु दरबार लगाकर यह धर्म परिवर्तन कराती है। लेकिन ललिता देवी इस पर कहती है कि ऐसा कुछ नहीं है।
अगर मैं धर्म परिवर्तन करूंगी तो पहले अपना धर्म बदल लूंगी। बहरहाल जहां भी ललिता देवी जाती है। आसपास के हजारों की भीड़ उमड़ती है। आस पास तेल और पानी की दुकानें सजने लगता है। 10-15 रुपए की पानी की बोतल ठीक दुगने रेट में बिकती हैं। छोटे-छोटे बच्चे तेल और पानी के कारोबार में लगे हुए हैं। टेंट बनाकर लोग आसपास के खाली मैदानों में रुकते हैं। भंडारा रात भर चलता है।
कुछ लोगों ने खाने के लिए होटल भी खोल रखा है। इलाज के नाम पर पर्ची भी कटती है। जिसमें कभी 10 रुपए तो कभी 100 रुपए वसूले जाते हैं। भीड़ के मुताबिक पर्ची के दाम बढ़ते– घटते हैं। ललिता देवी का कहना है कि, मैं किसी को यहां नहीं बुलाती, जो लोग खुद आते हैं। मैं उनका इलाज करती हूं। यह सब परमपिता परमेश्वर की कृपा से हो रहा है।
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