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Chhattisgarh News: अनोखी परंपरा! यहां रावण के नाभि से निकले अमृत का करते हैं तिलक

Rajesh kumar • LAST UPDATED : October 25, 2023, 2:51 pm IST
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Chhattisgarh News: अनोखी परंपरा! यहां रावण के नाभि से निकले अमृत का करते हैं तिलक

Chhattisgarh News: यहां रावण के नाभि से निकले अमृत का करते हैं तिलक, अनोखी परंपरा

India News (इंडिया न्यूज), ज्योति कुमार, Chhattisgarh News: दशहरा उत्सव का नाम आते ही रामलीला व रावण दहन की छवि मानस पटल पर होती है, जिसमे दशहरा के अंत मे रावण का दहन किया जाता है, लेकिन कोण्डागांव जिले के कुछ छोटे से गाँव मे चार दशक से भी अधिक समय से परंपरा चल रही है। जहाँ रावण बनाया जाता है लेकिन उसे जलाया नही जाता, बल्कि मिट्टी के बने रावण का वध किया जाता है। यह अनोखी परप्परा ग्राम हिर्री व भूमिका में होती है।

मुर्ति बनाकर किया जाता हैं रावण का दहन

छत्तीसगढ़ के कोण्डागांव जिले के फरसगांव ब्लाक अंतर्गत ग्राम भुमका व हिर्री में दशहरा मंचन अनोखे तरीके से किया जाता है, विगत कई वर्षो से परम्परा के अनुसार भुमका और हिर्री में दशहरा पर्व में रावण के पुतला का दहन नहीं किया जाता बल्कि रावण की मुर्ति बनाकर रावण का वध किया जाता है, ग्रामीणों का कहना है रावण को मारना मुश्किल था। क्योंकि उसके नाभि में अमृत है।

बुरे कार्यो पर सचाई की जीत

जिसका भगवान राम के द्वारा रावण की नाभि में तीर चलाकर वध किया जाता है, फिर उसके बाद ग्रामवासी रावण की नाभि से निकलने वाले अमृत के लिए रावण पर टूट पड़ते है। नाभि से निकलने वाले अमृत का माथे में तिलक करते हैं, महाज्ञानी ब्राम्हण रावण के बुरे कार्यो पर सचाई की जीत का तिलक वंदन करते है।

परम्परा को देखने के लिए हजारो कि भीड़

इस अनोखी परम्परा को देखने के लिए क्षेत्र से बड़ी संख्या में लोग यहां पहुचते है। दशहरा की यह अनोखी परम्परा भुमका और हिर्री में विरासत काल से चली आ रही है। जिसका आस पास के लोगो का बेसबरी से इंतजार रहता है। जो इस साल 24 अक्टूबर दिन मंगलवार को देखने मिला जहाँ रावण का वध किया गया।

नाभि से निकले अमृत का तिलक

इसे देखने के लिए क्षेत्र से बड़ी संख्या में ग्रामीण भुमका और हिर्री पहुचे।
वही भुमका के ग्रामीण सतीश कुंवर और हिर्री के ग्रामीण फुलसिंग बैध का कहना है रावण का दहन करने से उसके साथ उसके नाभि के अमृत का भी दहन हो जाता है।

जिसके कारण हमारे गाँव मे रावण दहन नही किया जाता हैं, बल्कि रावण का वध कर नाभि से निकले अमृत का तिलक करते हैं, ऐसी मान्यता है की नाभि से निकलने वाले अमृत तिलक करने से शारीरिक मानसिक एवं आर्थिक रूप से स्वस्थ्य लाभ होता है ।

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