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Mumbai News: आतंकवादी अजमल कसाब को नहीं दी गई बिरयानी, जेल में कसरत करता था कसाब – मीरा बोरवणकर

Abhishek N. Sharma • LAST UPDATED : October 18, 2023, 12:42 pm IST

India News (इंडिया न्यूज़), Mumbai News: पूर्व आईपीएस अफसर मीरा बोरवणकर की किताब “MADAM COMMISSIONER : THE EXTRAORDINARY LIFE OF AN INDIAN POLICE CHIEF” प्रकाशित होते ही तमाम बड़े लोगो को चपेटे मे ले लिया है। जिसके कारण यह किताब चर्चा का विषय बनी चुकी है। इस किताब में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार पर जमीन को लेकर लगाए गए आरोप से महाराष्ट्र की राजनीतिक गलियारियो में भूचाल आ चुका है। तो वहीं इसके साथ ही इस किताब में आतंकी अजमल कसाब और उसकी फ़ासी से जुडी महत्वपूर्ण जानकारी भी सामने आई है।

कसाब को नहीं परोसी गई कोई भी स्पेशल डिश

अजमल कसाब को मीरा बोरवणकर के ही देखरेख में फ़ासी दी गई थी। अपनी किताब में बोरवणकर ने लिखा है की जेल में कभी भी कसाब को बिरयानी जैसी कोई स्पेशल डिश नहीं परोसी गई थी। मैंने जब भी कसाब से बात की तो वह शांत रहता या मुस्कुराता रहता था। मीरा बोरवणकर ने आगे इस किताब में लिखा है की मैं जब भी कसाब से आर्थर रोड मिलने जाती तो हाई सेकुरिटी से गुज़रना पड़ता था। आर्थर रोड जेल में कसाब के सुरक्षा का ज़िम्मा इंडियन टिबेटियन बॉर्डर पुलिस को दिया गया था| सुरक्षा के लिहाज़ से केंद्र की यह फ़ोर्स राज्य के पुलिस से काफी प्रोफेशनल है|

स्वास्थ और डाइट का विशेष ध्यान रखते थे अधिकारी और डॉक्टर्स

सुरक्षा का बाहरी घेरा इंडियन टिबेटियन बॉर्डर पुलिस का था। जबकि अंदरूनी सुरक्षा जेल के सबसे काबिल अफसरों को दी गई थी। जेल के अधिकारी और डॉक्टर्स कसाब के स्वास्थ और डाइट का विशेष ध्यान रखते थे। मुझे जेल के अफसरों द्वारा बताया गया की कसाब जेल के अंदर कसरत करके अपने आप को व्यस्त रखता था। शुरुवात में वह काफी आक्रमक था लेकिन वक्त के साथ ट्रायल और जेल के माहौल में वह शांत हो गया था।

समंदर के रास्ते मुंबई पहुंचे थे आतंकी 

आपको बता दें की आतंकी अजमल कसाब और उसके अन्य 9 साथियो ने मिलकर 26 नवंबर 2008 की रात मुंबई पर हमला बोला था। अत्याधुनिक हथियारों से लैस यह आतंकी समंदर के रास्ते मुंबई पहुंचे थे। 10 आतंकियों ने मिलकर सीएसटी रेलवे स्टेशन, ताज होटल, ओबेरॉय होटल, छाबड हॉउस जैसे महत्वपूर्ण ठिकाने को निशाना बनाया था। लोगो पर अंधाधुन फायरिंग कर, हैंड ग्रेनेड फेके गए थे। इस हमले के दौरान जवाबी कार्यवाही में आतंकी अजमल कसाब को ज़िंदा पकड़ा गया था और बाकी 9 अन्य आतंकी मार गिराए गए थे।

विशेष कोर्ट द्वारा करार दिया गया मुंबई हमले का दोषी 

ट्रायल के बाद 3 मई 2010 को अज़मल कसाब को विशेष कोर्ट द्वारा मुंबई हमले का दोषी करार दिया गया और 6 मई को उसे फ़ासी की सज़ा सुनाई गई। बाद में मामला बॉम्बे हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा और आखिरकार 21 नवंबर 2012 को उसे फ़ासी दी गई। कसाब पकिस्तान का रहने वाला था वह आतंकी संगठन लश्कर – ए – तैयबा से जुड़ा था और पकिस्तान के कब्ज़े वाले कश्मीर में उसने ट्रेनिंग ली थी।

कसाब की फ़ासी को लेकर योजना बनाई गई 

कसाब की फ़ासी के बारे में मीरा बोरवणकर ने अपने किताब में विस्तार से लिखा है की राज्य के तत्कालीन गृह मंत्री आर आर पाटिल कसाब के फ़ासी के प्रक्रिया के बारे में जानना चाहते थे और इस सिलसिले में पाटिल ने उन्हें पुणे के सर्किट हॉउस में मीरा बोरवणकर को एक बार मुलाकात के लिए बुलाया था| इस दौरान गृह मंत्री ने बताया की कसाब की फ़ासी अंतराष्ट्रीय मुद्दा है और दुनिया के कुछ देश इसमें हस्तक्षेप कर सकते है। इसके बाद कसाब की फ़ासी को लेकर योजना बनाई गई और इसे गुप्त रखा गया।

पुणे के येरवदा जेल में दी गई फ़ासी 

कई अफसरों को यह तक नहीं पता था की कसाब को मुंबई से पुणे ले जाना है। कसाब की फ़ासी और उससे जुडी जानकारी काफी सिमित अफसरों को ही दी गई थी। कई अफसर मुझसे नाराज़ भी हो गए थे| कसाब को पुणे के येरवदा जेल में फ़ासी दी गई| एक्सेर्साइज़ करके कसाब ने अपना वजन काफी घटाया था| खूंखार आतंकी फ़ासी वाले दिन बिलकुल बच्चा लग रहा था। फ़ासी के बाद इसकी जानकारी तत्कालीन गृह मंत्री आर आर पाटिल को दी गई।

बोरवानकर ने अपनी किताब में किया बड़ा खुलासा 

तो वहीं अजीत पवार को लेकर भी मीरा बोरवानकर ने अपनी किताब में बड़ा खुलासा किया है। किताब में अजीत पवार का सीधे नाम ना लिखकर “दादा” नाम से संबोधित करते हुए अजीत पवार को घेरा है। लिखा है की पुणे के यरवदा में पुलिस विभाग की 3 एकड़ जमीन एक बिल्डर से बचाने में कामयाब हुई थी। उन्होंने इस जमीन के लिए उस वक्त के पुणे के गार्जियन मिनिस्टर अजीत पवार का नाम ना लेते हुए उन पर निशाना साधा है की वह चाहते थे की ये जगह उस बिल्डर को दे दी जाए।

अजीत पवार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपने आप को बताया निर्दोष

मीरा बोरवणकर द्वारा अपनी किताब में जिक्र करने के बाद से महाराष्ट्र में राजनीति तेज हो गई है। कांग्रेस नेता नाना पटोले, संजय राउत सहित तमाम विरोधी पार्टी के नेताओं ने इस पुरे मामले की जांच कराने की मांग की है। तो वही इस पुरे मामले पर अजीत पवार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपने आप को निर्दोष बताया है और कहा की मैंने जमीन के बारे में किसी बिल्डर को देने के लिए कभी नही बोला किसी अधिकारी को ये गलत आरोप है।

उस जगह को किसी को न देने का फैसला सरकार ने ही लिया था क्योंकि जिसे दिया जा रहा रहा उसका नाम 2G स्कैम में आ गया था। और वो फैसला सरकार का था। अजीत पवार ने आगे कहा की किसी अधिकारी के कारण ऐसा कुछ नही हुआ था की उनके कारण ये जगह नहीं दी गई थी। एक तरह से अजीत पवार ने भी मीरा बोरवणकर का नाम ना लेते हुए उनके आरोपों का जवाब दिया।

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