इंडिया न्यूज, तिरुवनंतपुरम :
नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वाइरोलाजी (एनआईवी) पुणे की टीम ने शनिवार को निपाह वायरस के सोर्स का पता लगाने के मकसद से केरल के कोझिकोड जिले का दौरा कर फल खाने वाले चमगादड़ों से नमूने एकत्र किए। गौरतलब है कि जिले में हाल ही में निपाह वायरस की चपेट में आने के कारण एक 12 वर्षीय बच्चे की मौत हो गई है। राज्य सरकार के जनसंपर्क विभाग ने यह जानकारी दी। निपाह संक्रमण के मामलों के उभरने के कारण लोगों में दहशत का माहौल है। गत आठ सितंबर को केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जार्ज ने बताया था कोझिकोड जिले के सरकारी मेडिकल कालेज में निपाह वायरस से संक्रमित होने के शक में कुल 68 लोग आइसोलेशन में हैं। उन्होंने कहा था क कांटेक्ट ट्रेसिंग के दौरान कुल 251 व्यक्तियों को सूचीबद्ध किया गया था। इनमें से 129 स्वास्थ्यकर्मचारी थे और 54 उच्च जोखिम वाली श्रेणी में थे। इनमें से 11 में लक्षण था। उच्च जोखिम वाली 54 श्रेणियों में से 30 स्वास्थ्यकर्मी थीं। ये स्वास्थ्यकर्मी एमसीएच, कोझीकोड सहित एक क्लिनिक और चार अस्पतालों के थे। इसके अगले दिन निपाह के कारण जान गंवाने वाले 12 साल के बच्चे के संपर्क में आए 61 लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव पाई गई है। वीना जार्ज ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने 68 सैंपल जांच के लिए भेजे हैं और ये सभी 68 सैंपल हाई रिस्क कैटेगरी में हैं। ये नमूने नेगेटिव पाए गए हैं। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है। लेकिन इसका इंक्यूबेशन पीरियड 21 दिन है। सभी मरीजों को सख्त आइसोलेशन में रखा गया है। कड़ी निगरानी की जा रही है। गौरतलब है कि निपाह वायरस एक जूनोटिक वायरस है, लेकिन यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में और दूषित भोजन के जरिये फैल सकता है। इससे पहले, पांच सितंबर को, केंद्र सरकार ने केरल के कोझिकोड जिले में एक मेडिकल टीम भेजी थी।