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सुखबीर सिंह बादल ने जड़े आरोप, कहा-मान ने नालेज शेयरिंग एग्रीमेंट की आड़ में पंजाब के हितों को दिल्ली को बेचा

Naresh Kumar • LAST UPDATED : April 26, 2022, 8:23 pm IST
  • मुख्यमंत्री यह बताएं कि दिल्ली को अपनी स्वायत्ता सौंपकर और राज्य का प्रशासनिक कंट्रोल केजरीवाल को सौंपकर पंजाब के साथ विश्वासघात क्यों किया
  • आशंका है कि केजरीवाल अब पंजाब के मुख्यमंत्री को पंजाब के दरिया के पानी को हरियाणा और दिल्ली कों सौंपने के लिए मजबूर कर सकते हैं

इंडिया न्यूज, चंडीगढ़। शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने आज कहा है कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने नालेज शेयरिंग एग्रीमेंट की आड में पंजाब के हितों को दिल्ली को बेच दिया है और आप पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल पंजाब के असली मुख्यमंत्री बन गए हैं।

पंजाब के इतिहास में काले दिन का दिया करार

पंजाब के इतिहास में काला दिन करार देते हुए अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि राज्य के इतिहास में पहले कभी बाहरी लोगों को इस तरह से राज्य और आने वाली पीढ़ियों का नियंत्रण नही दिया गया था। एक नगरपालिका अध्यक्ष को पंजाब के मुख्यमंत्री पद का प्रभार दिया गया है।

पंजाब और उसके लोगों को धोखा क्यों दिया?

पंजाब दिल्ली के अधीन हो गया है, जो एक राज्य भी नही है। मान ने दिल्ली को अपनी स्वायत्ता सौंपकर, पंजाब और उसके लोगों को धोखा क्यों दिया। बादल ने कहा कि मान ने पंजाबियों के गौरव को चोट पहुंचाई है। इस समझौते से यह स्पष्ट हो जाता है कि पंजाब के सभी मंत्री और अधिकारी अब केजरीवाल को रिपोर्ट करेंगें और बाद में पंजाब सरकार की सभी फाइलों तक उनकी पहुंच होगी।

यह आधिकारिक गोपनियता अधिनियम के उल्लंघन का भी मामला है, भले ही समझौते के क्लाज 3 भविष्य की सरकारों को इसके तहत लिए गए निर्णयों के लिए बाध्य करता है।

पंजाब के गर्वनर से संपर्क करेंगें और उनसे पंजाब विरोधी समझौते पर अपनी सहमति वापिस लेने के लिए मुख्यमंत्री को निर्देश देने का आग्रह करेगें। पार्टी अपनी कोर कमेटी की आपात मीटिंग में अपनी अगली कार्रवाई की योजना •ाी बनाएगी।

समझौते के नतीजें हो सकते हैं खतरनाक

बादल ने कहा कि समझौते के नतीजे खतरनाक हो सकते हैं, आशंका है कि ऐसी स्थिति पैदा हो सकती है, जिससे केजरीवाल पंजाब के मुख्यमंत्री को हरियाणा और दिल्ली के लिए राज्य के दरिया के पानी पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर कर सकते हैं, जिस तरह से कांग्रेस के मुख्यमंत्री दरबारा सिंह को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा ऐसा करने के लिए मजबूर किया गया था।

उन्होने कहा कि स्थिति पहले से ही खराब हो चुकी है। पंजाब के मंत्रियों को अब अपने राज्य की रक्षा करना मुश्किल हो रहा है, क्योंकि खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री ने एसवाईएल नहर पर पंजाब के रूख को स्पष्ट करने के लिए कहे जाने पर कोई टिप्पणी नही दी है।

मान को रबर स्टैंप की तरह नहीं करना चाहिए काम

बादल ने भगवंत मान से रबर स्टैंप की तरह से काम नही करने और अगर उन्हे पंजाबी होने पर गर्व है तो उन्हे समझौते को रदद करना चाहिए। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री को पता होना चाहिए केजरीवाल की नजर शुरू से ही पंजाब के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर है।

आप पार्टी की सरकार के शपथ लेने के तुरंत बाद केजरीवाल ने राज्य के चीफ सेके्रटरी और पुलिस चीफ को दिल्ली बुलाना शुरू कर दिया और यहां तक कि तबादलों और पोस्टिंग पर भी फैसला करना शुरू कर दिया है।

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