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India News ( इंडिया न्यूज़ ),Punjab News: पंजाब के लुधियाना के मंगत गांव के लोग बेमौत मर रहे हैं। महज तीन महीने में 35 लोगों की मौत हो चुकी है। इस समय भी दर्जनों लोग बीमार हैं और अस्पताल में हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि दूषित पानी के कारण ऐसी असामयिक मौतें हो रही हैं। गांव में कपड़ा फैक्ट्री बनने के बाद से यह स्थिति उत्पन्न हुई है। इस संबंध में लगातार शिकायतों के बावजूद सरकार और प्रशासन के अधिकारियों की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
ऐसे में ग्रामीणों ने विरोध शुरू कर दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि फैक्ट्री में कपड़ों की रंगाई के दौरान निकलने वाला केमिकल पानी बोरवेल के जरिए भूजल में डाला जा रहा है। इससे पूरे क्षेत्र का भूमिगत जल दूषित हो गया है। चूंकि गांव के लोग इसी पानी का उपयोग पीने के लिए करते हैं। ऐसे में उचित इलाज के अभाव में वे लगातार बीमार पड़ रहे हैं और मर रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि इसी पानी का उपयोग सिंचाई के लिए भी किया जा रहा है। इससे फसलें भी प्रभावित हो रही हैं।
स्थिति को देखते हुए स्थानीय प्रशासन से लेकर विधायक तक सरकार के समक्ष मामला उठाया गया, लेकिन कोई कुछ करने को तैयार नहीं है। ग्रामीणों का आरोप है कि उन्हें हर जगह सिर्फ आश्वासन ही मिला है। हालात को देखते हुए ग्रामीणों ने खुद ही गांव के पानी के नमूने की जांच पंजाब कृषि विश्वविद्यालय में कराई। इसमें सभी सैंपल फेल हो गये। इसके बाद ग्रामीणों ने सामाजिक कार्यकर्ता कुमार गौरव के साथ मिलकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में शिकायत दर्ज करायी।
अब बोर्ड के अधिकारियों ने पानी के नमूने एकत्र कर लिए हैं, लेकिन कोई भी कार्रवाई करने से पहले वे इन नमूनों की जांच रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। उधर, इस मामले को लेकर ग्रामीणों ने मंगलवार से प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कार्यालय पर धरना शुरू कर दिया है। ग्रामीणों के मुताबिक, गांव में एक भी व्यक्ति ऐसा नहीं है जो त्वचा या लीवर की बीमारी से पीड़ित न हो। अब तक 35 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से 12 मौतें कैंसर के कारण हुईं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुख्य अभियंता प्रदीप गुप्ता ने बताया कि गांव से पानी के सैंपल भेजे गए हैं, जिनकी जांच की जा रही है। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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