इंडिया न्यूज, चंडीगढ़ :
Navjot Sidhu 1988 Road Rage Case : अमृतसर ईस्ट के कड़े चुनाव मुकाबले में फंसे पंजाब कांग्रेस चीफ नवजोत सिद्धू की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। कांग्रेस के सीएम चेहरे की दौड़ में शामिल सिद्धू के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में रोड रेज मामले की पुनर्विचार याचिका दाखिल हो गई है।
जिसकी सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को सुनवाई करेगा। यह घटना साल 1988 की है। जिसमें झगड़े के दौरान एक बुजुर्ग की मौत हो गई थी। इस मामले में हाईकोर्ट से सजा होने के बाद सिद्धू को अमृतसर के सांसद की सीट तक छोड़नी पड़ी थी।
सिद्धू के खिलाफ रोडरेज का मामला साल 1988 का है। सिद्धू का पटियाला में कार से जाते समय 65 साल के गुरनाम सिंह नामक बुजुर्ग व्यक्ति से झगड़ा हो गया। आरोप है कि उनके बीच हाथापाई भी हुई और बाद में गुरनाम सिंह की मौत हो गई। पुलिस ने नवजोत सिंह सिद्धू और उनके दोस्त रुपिंदर सिंह सिद्धू के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया। इसके बाद मामला अदालत में पहुंचा।
सुनवाई के दौरान निचली अदालत ने नवजोत सिंह सिद्धू को सबूतों का अभाव बताते 1999 में बरी कर दिया था। इसके बाद पीड़ित पक्ष निचली अदालत के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंच गया। साल 2006 में हाईकोर्ट ने इस मामले में नवजोत सिंह सिद्धू को तीन साल कैद की सजा और एक लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई थी।
हाईकोर्ट से मिली सजा के खिलाफ नवजोत सिंह सिद्धू सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए। सुप्रीम कोर्ट ने 16 मई 2018 को सिद्धू को गैर इरादतन हत्या के आरोप में लगी धारा 304 आईपीसी से बरी कर दिया। हालांकि धारा 323 (जानबूझकर चोट पहुंचाने का) के मामले में सिद्धू को दोषी ठहराया गया।
जिसके लिए उन्हें जेल की सजा नहीं हुई लेकिन एक हजार रुपया जुर्माना लगाकर छोड़ दिया गया। हालांकि अब मृतक के परिवार की तरफ से याचिका दाखिल की गई कि सिद्धू को 304 आईपीसी के तहत सजा होनी चाहिए। याचिका स्वीकार करने के बाद अब सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस एसके कौल की बैंच सुनवाई करेगी।
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