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India News (इंडिया न्यूज़), Rajasthan, रिपर्ट- विष्षु शर्मा: राजस्थान में इसी साल चुनाव होने हैं और कांग्रेस सरकार को रिपीट करने के लिए हरसंभव प्रयास में लगी है। गहलोत सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है की 4500 रुपए प्रतिमाह के हिसाब से 50 हजार गांधी प्रेरकों की भर्ती होगी। विपक्ष ने चुनाव से पहले हो रही इस भर्ती पर सवाल खड़े कर दिए है की सरकार अपने प्रचार प्रसार के लिए इन युवाओं का उपयोग करेगी।
गांधी प्रेरकों का काम होगा घर-घर जाकर गांधी की विचारधारा और सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के बारे में लोगों को बताना। इसकी चयन प्रक्रिया और नियमों के प्रस्ताव का मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सहमति दी है। इसके तहत प्रेरकों को प्रतिमाह ₹4500 मानदेय दिया जाएगा।
दरअसल महात्मा गांधी सेवा प्रेरक लोगों को जन कल्याणकारी योजना की जानकारी देने के साथ-साथ महात्मा गांधी पुस्तकालय और संविधान केंद्रों का संचालन भी करेंगे। इसकी ग्राम पंचायत और शहरी वार्ड स्तर पर नियुक्ति की जाएगी।
गांधी प्रेरक भर्ती को लेकर प्रदेश में सियासत भी शुरू हो चुकी है कांग्रेस का कहना है गांधी प्रेरक घर-घर जाकर महात्मा गांधी की सोच के बारे में लोगों को बताएंगे और सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के बारे में लोगों को जानकारी देंगे जिससे लोग सरकार की योजनाओं से वंचित ना रहे। महात्मा गांधी की सोच का पूरी दुनिया लोहा मान रही है केंद्र सरकार महात्मा गांधी को भुलाने में लगी है।
बीजेपी इस भर्ती को फर्जीवाड़ा बता रही है। बीजेपी ने कहा कि जब बेरोजगारी भत्ते की बात हो रही थी तो सरकार के पास पैसे नहीं थे युवाओं को देने के लिए, अब एक तरह से राजस्थान के स्वाभिमान को ललकारा जा रहा है। कांग्रेस घूस देकर चुनाव जीतने की कोशिश कर रही है साढे़ 4 साल तक यह लोग सोते रहे जनता की सुध नहीं ली चुनाव के समय में पैसे बांटने के अलग-अलग तरीके ढूंढने जा रहे हैं।
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