India News (इंडिया न्यूज) ,CM Bhajan Lal sharma: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने विश्व वानिकी दिवस के अवसर पर प्रकृति के बिगड़ते संतुलन पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि लगातार घटते जंगल, सूखती नदियां और टूटते पहाड़ पर्यावरण के लिए गंभीर खतरा बनते जा रहे हैं। यदि इस स्थिति को नहीं संभाला गया, तो आने वाली पीढ़ियों को भयावह परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वन केवल हरियाली का स्रोत नहीं हैं, बल्कि यह लाखों जीवों का आश्रय भी हैं। प्रकृति हमारे जीवन का आधार है, और यदि हम इसे नष्ट करेंगे, तो यह हमारे अस्तित्व के लिए भी विनाशकारी सिद्ध हो सकता है। उन्होंने चेताया कि आधुनिक संसाधनों के अंधाधुंध उपयोग से पर्यावरण को हो रहे नुकसान को रोकने के लिए हमें वनों का संरक्षण करना होगा।
CM Bhajan Lal sharma: ‘हमारी नदियां सूख रही हैं, पहाड़ टूट रहे हैं, जंगल खत्म हो रहे हैं
सीएम शर्मा ने राजस्थान के स्वर्णिम इतिहास का उल्लेख करते हुए मां अमृता देवी और उनकी बेटियों के बलिदान को याद किया, जिन्होंने वन बचाने के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में नदियों, पर्वतों और वृक्षों की पूजा की परंपरा रही है, लेकिन दुर्भाग्यवश आज इनका दोहन तेजी से हो रहा है। उन्होंने कहा कि वन न केवल हमें शुद्ध हवा और औषधीय पौधे देते हैं, बल्कि यह जल संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अगर वनों का अंधाधुंध कटान जारी रहा, तो भविष्य में जल संकट और जलवायु परिवर्तन जैसी समस्याएं और विकराल हो जाएंगी।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर वन आधारित आजीविका पर भी प्रकाश डाला और बताया कि आज मधुमक्खी पालन से हजारों परिवारों का जीवनयापन हो रहा है। यह वन संरक्षण के साथ-साथ आर्थिक समृद्धि का भी एक महत्वपूर्ण जरिया बन चुका है। उन्होंने कहा कि वन हमें बहुत कुछ देते हैं, इसलिए हमें भी इनके संरक्षण की जिम्मेदारी उठानी होगी।
सीएम शर्मा ने कहा कि पारिस्थितिकी तंत्र की संतुलित संरचना बनाए रखने के लिए हर जीव का अपना विशेष महत्व है। उन्होंने कहा, “इस सृष्टि में कोई भी जीव व्यर्थ नहीं है, हर प्राणी पारिस्थितिकी तंत्र में अपनी भूमिका निभाता है। हमें वनों के संरक्षण के लिए जागरूक होना होगा, ताकि भविष्य की पीढ़ियां भी प्रकृति के इन उपहारों का लाभ उठा सकें।” मुख्यमंत्री ने अपील की कि अधिक से अधिक वृक्षारोपण किया जाए और वनों को संरक्षित रखने के लिए सामूहिक प्रयास किए जाएं। उन्होंने कहा कि यदि हम आज जंगल बचाएंगे, तो आने वाली पीढ़ियों को एक स्वस्थ और सुरक्षित पर्यावरण मिल सकेगा।