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India News (इंडिया न्यूज), Congress, अजीत मेंदोला: कांग्रेस में आगामी लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों के चयन की प्रक्रिया तो शुरू हो गई है, लेकिन बड़े नेता चुनाव लड़ने में दिलचस्पी नहीं लेने से पार्टी के सामने मजबूत प्रत्याशियों का चयन चुनौती बन गया हैं। आज यहां राजस्थान समेत कुछ प्रदेशों के लिए बनाई गई छानबीन समिति की बैठक हुई। इस बैठक में प्रदेश से लाए गए नामों पर चर्चा कर पैनल बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। राजस्थान की 25 सीटों पर लगाए गए प्रयवेक्षकों की रिपोर्ट पर चर्चा की गई। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने लोकसभा की सभी सीटों पर समन्वयक लगा उनसे अलग से नाम मांगे थे। समन्वयकों ने अपने पैनल और रिपोर्ट प्रदेश अध्यक्ष गविंद सिंह डोटासरा को सौंप दिए थे। उस रिपोर्ट पर भी आज की बैठक में चर्चा हुई।
राजस्थान छानबीन समिति की जिम्मेदारी रजनी पाटिल को दी गई है। उनकी अध्यक्षता में यह बैठक लोधी स्टेट में बनाए नए वार रूम में हुई। बैठक में प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, प्रदेश अध्यक्ष डोटासरा और विधायक दल नेता टीकाराम जूली भी शामिल हुए। सूत्रों की माने तो राजस्थान में कांग्रेस मौजूदा और हारे हुए विधायकों के साथ कुछ नए चेहरों पर मंथन कर रही है। पार्टी की परेशानी एक ही है कि दिल्ली से लेकर राजस्थान तक किसी भी राज्य में बड़े नेता चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं।
पार्टी पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी तक को राज्यसभा से भेजने पर विचार कर रही है। जिस पर फैसला आने वाले हफ्ते में हो जायेगा। आज राजस्थान, मध्यप्रदेश जैसे बड़े हिंदी भाषी राज्यों के लिए प्रत्याशियों के नामों पर विचार विमर्श किया गया। पार्टी में चुनाव को लेकर कोई जोश नहीं है। तेलंगाना, तमिलनाडु, केरल जैसे राज्यों के नेता ही टिकट मांगने को लेकर यहां पार्टी मुख्यालय में चक्कर काटते हुए देखे जा रहे है। बाकी हिंदी राज्यों को लेकर कोई उत्साह नहीं है। राजस्थान के बड़े नेता फिलहाल चुनाव लड़ने से कन्नी काट रहे हैं। हालाँकी पार्टी ने अपनी तरफ से प्रत्याशियों के चयन की प्रक्रिया शुरू तो कर दी है, लेकिन नाम राहुल की यात्रा समाप्ति के बाद ही घोषित होते दिखते हैं। राहुल की यात्रा 20 मार्च को समाप्त होगी।
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