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India News RJ(इंडिया न्यूज़), Udaipur News: मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के बीच सिटी पैलेस में प्रवेश को लेकर विवाद दूसरे दिन भी जारी रहा। इस बीच मंगलवार को विश्वराज सिंह मेवाड़ ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि मेवाड़ की जनता कानून को अपने हाथ में नहीं लेती। मेवाड़ की जनता गलत चीजों का विरोध करती है। उन्होंने कहा कि कल जिला प्रशासन ने कमजोरी दिखाई है। प्रशासन मेरे अधिकारों की रक्षा नहीं कर सका। कल विशेष अवसर था, इसलिए रीति-रिवाज के चलते जाना उचित था। मंदिर जाना मेरा आपराधिक अतिचार नहीं हो सकता। मैं मंदिर में दर्शन करके वापस आऊंगा, यह आपराधिक अतिचार नहीं है। एकलिंगजी मंदिर धूणी से भी पुराना है। एकलिंगजी के दर्शन और धूणी के दर्शन अलग-अलग हैं। एकलिंगनाथजी मंदिर धूणी से भी पुराना है, इसलिए कल वे उनके दर्शन करने जाएंगे।
कुछ साल पहले सुप्रीम कोर्ट ने भी साफ किया था कि मध्यस्थता के जरिए आप अपनी बात स्पष्ट करें। दुख की बात है कि ऐसी स्थिति पैदा हुई। धार्मिक स्थल पूजनीय होता है, इसलिए वहां कोई रोक नहीं होनी चाहिए। मैं सिर्फ दर्शन के लिए जाना चाहता था, लेकिन जिला प्रशासन उसकी भी व्यवस्था नहीं कर सका, यह जिला प्रशासन की कमजोरी थी। कानूनी तौर पर, पारंपरिक तौर पर दर्शन करना मेरा अधिकार है, लेकिन प्रशासन उसकी भी व्यवस्था नहीं कर सका।
सिटी पैलेस से पथराव के मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई। प्रशासन ने संपत्ति जब्त करने का नोटिस लगा दिया। उन्होंने कहा कि गेट खोलने के लिए कोई बल नहीं था। अब वे बल मांग रहे हैं, तो देखते हैं प्रशासन क्या कर सकता है। कानूनी तौर पर मुझे पूजा स्थल पर जाने से नहीं रोका जा सकता। उन्होंने कहा कि वे आखिरी बार 1984 में सिटी पैलेस गए थे, उसके बाद से वहां नहीं गए।
दरअसल, विश्वराज सिंह मेवाड़ की पगड़ी-दस्तार की रस्म के बाद सिटी पैलेस के धूनी स्थल पर जाने का प्रोग्राम तय हुआ था। यहीं से विवाद शुरू हुआ। मौजूदा सिटी पैलेस का संचालन महेंद्र सिंह मेवाड़ के छोटे भाई अरविंद सिंह मेवाड़ कर रहे हैं। अरविंद सिंह मेवाड़ पक्ष ने बिना परमिशन के किसी के भी प्रवेश पर प्रतिबंध लगा रखी है।
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