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India News (इंडिया न्यूज़),YOGENDAR MAHAVAR,Kota News: राजस्थान का कोटा शहर एक ऐसा शहर जिसका नाम सुनते ही हमारे सामने भविष्य को संवारने की तस्वीर उभरती है। जहां पर एक युवा छात्र अपने सपनो को पूरा करने के लिए यहां आता है। ऐसा कहा जाता है कि ये शहर मेडिकल और इंजीनियरिंग करने वाले छात्रों को उनकी मन्जिल की दहलीज तक लेकर जाता है। ऐसे ही सपनो का बोझ लेकर ये युवा छात्र शिक्षा की काशी कहे जाने वाले कोटा में आते है। कभी ये बोझ छात्रों को उनका भविष्य बना देता है तो कभी ये बोझ उनके कंधो को कमजोर कर देता है। हाल ही में कोटा में हो रहे कोचिंग छात्रों के आत्महत्या के मामलो ने देश के प्रत्येक व्यक्ति की विचार धारा को बदल दिया हेै।
हाल ही में कोटा में हुए कोचिंग छात्रों के आत्महत्या के मामलो ने शिक्षा की काशी को पूरे देश में धुमिल किया है। बीते कुछ सालो के मुकाबले इस साल अगस्त माह तक कुल 21 छात्रों ने सुसाइड कर लिया है। इनमे अधिकतर छात्रों के सुसाइड के पीछे की वजह पढाई में तनाव सामने आया है। ऐसे में अब जिला प्रशासन ने छात्रों के सुसाइड को रोकने के लिए हॉस्टल और पीजी के कमरो में स्प्रिंग डिवाइस लगाने के निर्देश दे दिए हैं। इसका डेमो भी कम्पनी के कर्मचारी ने दिखाया है। हॉस्टल संचालको का कहना है कि अगर उनके हॉस्टल में पढने वाले छात्र में स्ट्रेस दिखता है तो उससे बात की जाती है उसकी समस्याओं को सुना जाता है साथ ही परिजनो से भी छात्र के तनाव के बारे में बात की जाती है।
अगर कोटा के कारोबार की बात की जाए तो कोटा में करीब 12 बडे कोचिंग इंस्टीट्यूट है जो मेडिकल और इंजीनियरिंग एट्रेंस की तैयारी करवाते है। इसके साथ ही 55 छोटे इंस्टीट्यूट भी है जिसमें छात्र पढाई कर रहे है। हर साल एक छात्र पर रहने और खाने का खर्च का अनुमानित लागत 2 लाख से 2.50 लाख होता है। कोटा में 2 लाख से अधिक छात्र दूसरे राज्यों से आते है और हर साल ढाई लाख से अधिक छात्र अपने सपनो को लेकर कोटा आते है। एक अनुमान ये भी कहता है कि भारत में 23 आईआईटी में 17385 सीट है। 32 एनआईटी है जिसमें 23954 सीट है। लेकिन इसकी तैयारी और परिक्षा देने वाले छात्रों की संख्या लगातार बढती जा रही है।
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