होम / Rajasthan By Election: दौसा BJP में फूट, किरोड़ी लाल के भाई को टिकट देने पर देवी सिंह ने ठोकी ताल, निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान

Rajasthan By Election: दौसा BJP में फूट, किरोड़ी लाल के भाई को टिकट देने पर देवी सिंह ने ठोकी ताल, निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान

Ashish kumar Rai • LAST UPDATED : October 20, 2024, 10:05 pm IST
ADVERTISEMENT
Rajasthan By Election: दौसा BJP में फूट, किरोड़ी लाल के भाई को टिकट देने पर देवी सिंह ने ठोकी ताल, निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान

India News RJ(इंडिया न्यूज),Rajasthan By Election: राजस्थान विधानसभा उपचुनाव के लिए बीजेपी ने 7 में से 6 प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर दिया है। दौसा विधानसभा उपचुनाव में सामान्य सीट पर जैसे ही बीजेपी ने किरोड़ी लाल मीना के भाई जगमोहन मीना का टिकट फाइनल किया, वैसे ही यहां बगावत के सुर गूंजने लगे। टिकट की दावेदारी कर रहे बीजेपी नेता देवी सिंह ने बगावती तेवर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया। उन्होंने कहा कि दौसा विधानसभा सीट सामान्य सीट है, जिस पर बीजेपी ने एसटी प्रत्याशी को टिकट दिया है। जबकि सामान्य वर्ग के कई प्रत्याशी कतार में थे, लेकिन उन सभी को दरकिनार कर दिया गया।

Indore News: फैंस की भीड़ को छोड़कर भाग गए रैपर डिवाइन, 2 FIR दर्ज, जानें पूरा मामला

निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान

इसके विरोध में देवी सिंह दौसा का कहना है कि मैं खुद भी टिकट मांग रहा था, लेकिन कोई बात नहीं, मुझे टिकट नहीं दिया गया। आपको बता दें कि जिले में तीन सामान्य श्रेणी की सीटें (दौसा, महुआ और बांदीकुई) हैं। इससे पहले महुआ और बांदीकुई में भी सामान्य श्रेणी के उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया गया था, जिसे हमने बिना बगावत किए बर्दाश्त किया। अब जिले में एकमात्र दौसा सीट ऐसी थी, जहां से उम्मीद थी कि भाजपा सामान्य श्रेणी का उम्मीदवार उतारेगी। लेकिन भाजपा ने ऐसा नहीं किया, जिसके चलते उन्होंने बगावत कर दी और निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया।

देवी सिंह का दर्द छलका

देवी सिंह दौसा ने कहा कि क्या सामान्य वर्ग के लोग ही मतदाता हैं? क्योंकि लोकसभा चुनाव में सामान्य वर्ग के मतदाताओं ने सीट आरक्षित होने के कारण कन्हैया लाल मीना को वोट दिया था, यह अलग बात है कि वे जीत नहीं पाए। कांग्रेस पहले से ही सामान्य सीटों पर एसटी उम्मीदवारों को टिकट देती रही है। इसलिए उनसे कोई उम्मीद रखना बेकार है।

उन्होंने कहा कि वे आगामी विधानसभा उपचुनाव लड़ेंगे, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वे जीतते हैं या हारते हैं। पार्टियों को यह एहसास कराना भी जरूरी है कि एक साझा उम्मीदवार को मौका न देना दोनों पार्टियों के लिए गलत साबित हो सकता है।

अगर ये लक्षण दिखाई देते है तो हो जाएं सावधान, हो सकती है ये खतरनाक बीमारी!

Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT