India News (इंडिया न्यूज), Rajasthan News: राजस्थान के कोटा में कानून में संशोधन की मांग के खिलाफ अधिवक्ताओं ने एक दिन का कार्य बहिष्कार करते हुए जोरदार प्रदर्शन निकाला। प्रमुख वकीलों में से एक, योगेंद्र महावार, ने भी इस विरोध में भाग लेकर जिला कलेक्टरेट पर रैली आयोजित की। अधिवक्ताओं का आरोप है कि केंद्र सरकार ने वकीलों के खिलाफ साजिश रचते हुए अधिवक्ता अधिनियम की धारा 35 में संशोधन कर धारा 35ए के तहत ऐसा प्रावधान कर दिया है, जिसके अनुसार वकीलों को किसी भी परिस्थिति में हड़ताल या कार्य बहिष्कार का अधिकार नहीं रहेगा।
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बता दें, अधिवक्ताओं का मानना है कि इस संशोधन से उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होगा और न्याय व्यवस्था में बाधा उत्पन्न होगी। अभिभाषक परिषद के अध्यक्ष मनोज पुरी ने इस बारे में कहा, “हमारी आवाज सरकार प्यार से नहीं सुनती। हमें मजबूरन हड़ताल पर उतरना पड़ता है ताकि हमारी मांगों पर ध्यान दिया जाए। यदि इस कानून में आवश्यक बदलाव नहीं किया गया तो भविष्य में बड़ा आंदोलन भी करने से पीछे नहीं हटेंगे।” इसके बाद प्रदर्शन के दौरान, कोटा के जिला कलेक्टरेट के बाहर भीड़ जमा हो गई। समर्थक और अधिवक्ता एकजुट होकर केंद्र सरकार पर कुठाराघात करने का आरोप लगाते रहे।
जानकारी के अनुसार, इस आंदोलन का उद्देश्य है कि सरकार और विधायिका वकीलों की स्वतंत्रता और मौलिक अधिकारों का सम्मान करें। प्रदर्शनी में शामिल अधिवक्ताओं ने यह स्पष्ट कर दिया कि वे अपने अधिकारों के लिए पूरी शक्ति से आवाज उठाएंगे और न्यायिक प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की दखलअंदाजी बर्दाश्त नहीं करेंगे। योगेंद्र महावार ने आशा व्यक्त की कि सरकार जल्द ही हमारी मांगों का संज्ञान लेकर उपयुक्त कदम उठाएगी। इस प्रकार, कोटा में हुए इस एक दिवसीय प्रदर्शन से यह संदेश जाता है कि वकीलों की आवाज दबाई नहीं जा सकती और कानून में संशोधन के बिना न्याय व्यवस्था में संतुलन बनाए रखना कठिन होगा।