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अभिषेक जोशी, उदयपुर।
Shri 1008 Adinath Digambar Jain Temple : शहर के सेक्टर 4 स्थित श्री 1008 भगवान आदिनाथ दिगम्बर जिनबिम्ब पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव के अंतिम दिन रविवार को आचार्य सुनील सागर महाराज ससंघ के सानिध्य में मोक्ष कल्याणक मनाया गया।
आचार्य सुनील सागर के सानिध्य में कैलाश पर्वत पर ध्यानस्थ मुद्रा मे मोक्ष् गमन का अलौकिक चित्रण किया गया। उसके पश्चात् भगवान के नख, केश संस्कार एवं पूजा व पूर्ण आहुति प्रदान की गई। भव्य शोभायात्रा के रूप मे भगवान आदिनाथ की प्रतिमा को गाजे बाजे के साथ स्वयंवर वाटीका से आदिनाथ जैन मंदिर ले जाया गया। मंदिर के पट्ट का उद्घाटन स्व.जयंती लाल रजावत परिवार द्वारा किया गया। Shri 1008 Adinath Digambar Jain Temple
मंदिर पर कलश आरोहण कन्हैया लाल वैगेरिया परिवार एवम धवज आरोहण संदीप, पवन कोठारी परिवार द्वार किया गया। जिसके बाद आचार्य सूनील सागर के सानिध्य मे मंदिर जी में मूर्तियों की स्थापना की गई। मोक्षकल्याणक पर भगवान आदिनाथ को कैलाश पर्वत पर निर्वाण प्राप्ति, अग्नि कुमार देवों द्वारा अग्नि प्रज्जवलित कर नख व केश विसर्जन की क्रियाएं हुई।
शोभायात्रा से पूर्व आचार्य सुनील सागर ने अपने प्रवचों मे कहा कि आज हम सभी भगवान को मोक्ष कल्याणक मना रहे है यदि हमसे कोई त्रुटी हो जाये तो भगवन हमे क्षमा करे, जिससे हम अपने स्वयं के साथ ही परिजन और समाज के हित मे काम कर सके। उन्होने कहा कि इस संसार मे जीवन जीने की कला जैन धर्म के पहले तीर्थंकर भगवान आदिनाथ ने सिखाई।
आचार्य श्री के प्रवचनों के बाद स्वयंवर वाटीका से सेक्टर 4 आदिनाथ मंदिर तक भव्य शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा मे आगम युवा परिषद के युवा सबसे आगे जैन पताका लेकर भगवान का जयघोष करते हुए चल रहे थे तो पिछे बैण्ड, दो गजराज के बाद ब्राम्ही महिला परिषद की महिलाएं भक्ति गीतो पर झूमती नजर आई।
ऊट गाडी मे भगवान आदिनाथ की प्रतिष्ठित प्रतिमाएं विराजमान थी तो वही स्वर्ण पालकी मे भगवान की प्रतिमा को भक्त लेकर चल रहे थे, इसके साथ ही पीछे बग्गियों में इंद्र-इंद्राणी व सौभाग्यशाली परिवार चल रहे थे। Shri 1008 Adinath Digambar Jain Temple
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