इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
2007 T20 World Cup India beat Pakistan: भारतीयों के लिए 24 सितंबर का दिन बेहद खास है। इस दिन टीम इंडिया ने पहला टी20 विश्व कप जीत कर क्रिकेट के इतिहास में अपना नाम दर्ज किया था। 14 साल पहले 2007 में इसी दिन महेंद्र सिंह धोनी की युवा ब्रिगेड ने पाकिस्तान को 5 रनों से हराकर (2007 T20 World Cup India beat Pakistan) पहले टी20 विश्व कप को अपने नाम किया था।
किसी को भारतीय टीम के चैम्पियन बनने की उम्मीद नहीं थी, लेकिन धोनी की यंग ब्रिगेड ने न सिर्फ सभी के अनुमानों को गलत साबित किया बल्कि पहला विश्व कप जीत कर इतिहास भी रचा। टी20 विश्व कप में इंडिया की जीत (2007 T20 World Cup India beat Pakistan) ने क्रिकेट के सबसे छोटे प्रारूप को नई दिशा दी थी। इसका नतीजा यह निकला कि भारतीय क्रिकेट बोर्ड यानी बीसीसीआई ने भी 2008 में आईपीएल शुरू किया।
India claimed the first ever @T20WorldCup trophy #OTD in 2007 ? pic.twitter.com/ySKx6NyO1J
— ICC (@ICC) September 24, 2021
2007 टी20 विश्व कप में दोनों टीमें दूसरी बार आमने-सामने (2007 T20 World Cup India beat Pakistan) थीं, लेकिन फाइनल मुकाबले में काफी कुछ दांव पर लगा था। जोहानिसबर्ग के वांडरर्स स्टेडियम में खेले गए फाइनल मुकाबले में कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने टॉस जीता था और पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया था। निर्धारित 20 ओवरों में भारतीय टीम ने 157 रनों पर 5 विकेट के नुकसान पर पाकिस्तान (2007 T20 World Cup India beat Pakistan) को 158 रन का टारगेट दिया था।
भारत के लिए ओपनर गौतम गंभीर ने 54 गेंदों में 75 रनों की शानदार पारी खेली थी। गौतम गंभीर ने अपनी इस पारी में 8 चौके और 2 छक्के लगाए थे। गंभीर के अलावा रोहित शर्मा ने मैच के आखिरी ओवरों में नाबाद 30 रन बनाकर अहम योगदान दिया।
जवाब में उतरी पाकिस्तान की टीम लड़खड़ा गई और 77 रनों पर 6 विकेट पर खो दिए थे। लेकिन 43 रन के निजी स्कोर पर खेल रहे मिस्बाह उल हक ने एक छोर पर टिककर भारतीय टीम के लिए चिंताए पैदा कर दी थी। मिस्बाह ने यासिर अराफात (15) और सोहेल तनवीर (12) के साथ उपयोगी साझेदारियां खेली थी। उस समय ऐसा लग रहा था जैसे पाकिस्तानी टीम मैच जीत सकती है।
पाकिस्तान को मैच के अंतिम ओवर में जीत के लिए 13 रनों की जरुरत थी और पाकिस्तान के पास सिर्फ एक विकेट बचा हुआ था। मैच के इस रोमांचक मोड़ पर कप्तान धोनी ने गेंदबाजी करने की जिम्मेदारी तेज गेंदबाज जोगिंदर शर्मा के हाथों में दी थी। जोगिंदर ने ओवर की पहली गेंद वाइड डाली। वाइड गेंद के चलते अब पाकिस्तान को जीत के लिए छह गेंदों में 12 चाहिए थे। मिस्बाह ने दूसरी गेंद पर छक्का जड़ा जिसके चलते टीम इंडिया परेशानी मे आ गई। पाकिस्तान को अब चार गेंदों में छह रन की जरुरत थी।
जोगिंदर की तीसरी गेंद पर मिस्बाह ने स्कूप शॉट खेला और इस समय ऐसा प्रतीत हुआ कि गेंद बांउड्री पार चली जाएगी। लेकिन गेंद हवा में उछली और फाइन लेग पर खड़े श्रीसंत ने उस गेंद को लपक कर मिस्बाह को पवेलियन वापस भेज दिया था। इसके साथ ही भारत ने 5 रन से मैच जीता (2007 T20 World Cup India beat Pakistan) और टी-20 वर्ल्ड कप 2007 की ट्रॉफी पर कब्जा करके इतिहास रच दिया।
#OnThisDay in 2007!
The @msdhoni-led #TeamIndia created history as they lifted the ICC World T20 Trophy. ? ?
Relive that title-winning moment ? ? pic.twitter.com/wvz79xBZJv
— BCCI (@BCCI) September 24, 2021
टी-20 वर्ल्ड कप 2007 के फाइनल मुकाबले में तेज गेंदबाज इरफान पठान ने शानदार गेंदबाजी करते हुए 4 ओवरों में 16 रन देकर 3 विकेट हासिल किए थे। इस प्रदर्शन के लिए उन्हें मैन ऑफ द मैच का खिताब दिया गया था। पाकिस्तान के ऑलराउंडर शाहिद आफरीदी मैन ऑफ द सीरीज बने थे। आफरीदी ने टूनार्मेंट में 12 विकेट लेने के साथ-साथ 91 रन भी बनाए थे।
कप्तान धोनी ने फाइनल मुकाबले में जीत के बाद कहा था, ‘यह उन चीजों में से एक है जिसे मैं जीवन भर संजो कर रखूंगा. मैं अपने साथियों को बधाई देना चाहता हूं. उन्होंने मुझे जो रिस्पॉन्स दिया है उसके लिए उन्हें धन्यवाद. किसी ने हमसे जीतने की उम्मीद नहीं की थी और आज हम जिस तरह से खेले हैं, हम एक बड़े जश्न के हकदार हैं.’
धोनी ने बताया था, ‘पाकिस्तान ने आज दूसरे हाफ में वास्तव में अच्छी गेंदबाजी की. लेकिन हमें पता था कि हमारे पास बोर्ड पर रन हैं और हम बल्लेबाजों पर थोड़ा दबाव डाल सकते हैं. भज्जी डेथ ओवर में यॉर्कर को लेकर शत प्रतिशत आश्वस्त नहीं थे. मैंने सोचा कि मुझे किसी ऐसे व्यक्ति को गेंद देनी चाहिए जो वास्तव में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अच्छा करना चाहता है. जोगी ने बहुत अच्छा काम किया.’
भारतीय टीम ने सेमीफाइनल में दिग्गजों की टोली यानी ऑस्ट्रेलियाई टीम को हराया था। डरबन में खेले गए उस सेमीफाइनल मुकाबले में भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए पांच विकेट पर 188 रन बनाए थे। युवराज सिंह ने 30 गेंदों पर ताबड़तोड़ 70 रन ठोके थे, जिसमें 5 छक्के और 5 चौके शामिल थे। जवाब में ऑस्ट्रेलिया 20 ओवर में 7 विकेट खोकर 173 रन ही बना पाई थी। भारत ने यह मुकाबला 15 रनों से अपने नाम किया था।
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