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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
अगले साल होने वाले IPL को लेकर प्रसारण अधिकारों के टेंडर जारी किए जाएंगे। इसमें दो नई टीमें भी शामिल कर ली जाएंगी। विशेषज्ञों की मानें तो सब कुछ सही रहा तो IPLकई मामलों में विश्व की सबसे बड़ी लीग बन कर उभरेगी। आईपीएल की कामयाबी के पीछे प्रसारण कंपनियों का भी अहम रोल रहा है। इसी लिए मैंचों को दिखाने की बोली हर बार पहले से दोगुने दाम पर जाती रही है।
आईपीएल की शुरूआत 2008 में हुई थी। उस समय बीसीसीआई ने एक प्रसारण कंपनी को 6 हजार 897 करोड़ में 10 साल के लिए प्रसारण अधिकार दे दिए थे। जिसे अगले साल ही रिवाइज कर प्रसारण की सीमा 9 साल कर दी गई। जिसे सोनी ने 8 हजार 200 करोड़ में ले लिया।
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वहीं 2017 में यह बोली केवल 5 सालों के लिए की गई। इस तरह से प्रसारण की सीमा पहले से आधी रह गई लेकिन अधिकार लेने के लिए कंपनी ने दोगुनी रकम मतलब 16 हजार 348 करोड़ रुपए चुका कर प्रसारण करार कर लिया। 5 साल के लिए प्रसारण बोली पहले के अपेक्षाकृत दोगुने से भी ज्यादा में जाने की संभावनाएं हैं। इस बार ब्रॉडकास्टिंग राइट्स के लिए 24 से 40 हजार करोड़ रुपए तक पहुंच सकती है। हाल की बात करें तो स्टार स्पोर्ट्स 54.5 करोड़ रुपए BCCI को दे रहा है। स्वाभाविक है कि इस बार यही रकम रिजर्व कीमत बनी रहेगी।
2017 की बोली के बाद भारतीय टेलीविजन इंडस्ट्री में काफी बदलाव देखने को मिला है। अबकी बार रिलायंस ने अपना वायकॉम-18 जियो लॉन्च कर दिया है। जो कि आज देश का सबसे बड़ा मोबाइल और इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर बना हुआ है। वहीं फेसबुक और गूगल के साथ भी अंबानी कंपनी का अनुबंध हो चुका है। दूसरी तरफस्टार का अधिग्रहण वॉल्ट डिज्नी ने कर लिया है। गत माह में जी और सोनी के बीच भी विलय का ऐलान हुआ है। ऐसे मे इस बार आईपीएल के अधिकारों पर कब्जा करने के लिए कई रिकॉर्ड टूट सकते हैं।
अमेरिका की फुटबॉल लीग एनएफएल अभी दुनिया की एकमात्र ऐसी कंपनी है जिसको एक प्रसारण दिखाने वाली कंपनी प्रति मैच 130 करोड़ रुपए अदा करती है। इसके बाद इंडियन प्रीमियर लीग का आता है। अगर सब कुछ ऐसे ही चलता रहा तो जल्द ही भारतीय क्रिकेट लीग कमाई के मामले में सब को पीछे छोड़ देगी।
गौर करने वाली बात है कि फुटबॉल, बेसबॉल और अमेरिकन फुटबॉल के मुकाबले आईपीएल की सालाना प्रसारण फीस काफी कम है। जिसका एक मुख्य कारण यह भी है कि IPL में टीमों की संख्या तो फिलहाल कम है कि वहीं टूनार्मेंट भी करीब दो महीने में समाप्त हो जाता है। वहीं अमेरिकन फुटबॉल लीग में 32 टीमों के मैच करीब 17 सप्ताह तक चलते हैं। इसी तरह इंग्लैंड की फुटबॉल लीग इंग्लिश प्रिमियर लीग 8 महीने तक चलता है, इसमें 20 टीमों प्रतिभागी होती हैं इनके बीच खेले जाने वाले मैचों की संख्या 380 होती है।