India News (इंडिया न्यूज), Champions trophy 2025: 19 फरवरी से शुरू हो रही चैंपियंस ट्रॉफी में आठ टीमें खिताब के लिए भिड़ेंगी। चार टीमें ग्रुप ए में और चार टीमें ग्रुप बी में हैं। फैंस जानना चाहते हैं कि सभी टीमों में सबसे शानदार और खतरनाक टीम कौन सी है। अगर फैंस सभी टीमों की ताकत और कमजोरियों पर एक नजर डालें तो उन्हें इसका जवाब मिल जाएगा। तो चलिए आपको भारत-पाकिस्तान समेत सभी आठ टीमों की ताकत और कमजोरियों के बारे में बताते हैं।
भारत की सबसे बड़ी ताकत उसकी मजबूत और लंबी बल्लेबाजी लाइनअप है। उसके पास रोहित शर्मा, विराट कोहली और शुभमन गिल जैसा बेहतरीन टॉप ऑर्डर है। जबकि मिडिल ऑर्डर में भारत के पास श्रेयस अय्यर, केएल राहुल, ऋषभ पंत, हार्दिक पांड्या और रवींद्र जडेजा जैसे खिलाड़ी हैं। जसप्रीत बुमराह का न होना भारत की सबसे बड़ी कमजोरी है। उसकी भरपाई करना मुश्किल है। लेकिन टीम इंडिया के पास मोहम्मद शमी और अर्शदीप जैसे दो बेहतरीन गेंदबाज हैं। जबकि हार्दिक भी उनका साथ देंगे। लेकिन बुमराह के न होने से टीम इंडिया को डेथ ओवरों में गेंदबाजी करने में दिक्कत आ सकती है।
Champions trophy 2025
बांग्लादेश के पास नजमुल हुसैन शंतो और महमुदुल्लाह जैसे अनुभवी बल्लेबाज हैं। जबकि मुशफिकुर रहीम जैसे स्टार विकेटकीपर बल्लेबाज भी हैं। जबकि गेंदबाजी में मुस्तफिजुर रहमान और तस्कीन अहमद जैसे विश्व स्तरीय गेंदबाज हैं। हालांकि बल्लेबाजी करते हुए बांग्लादेश को अच्छी शुरुआत दिलाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। वहीं इस टीम में दबाव झेलने की क्षमता नहीं है और न ही इसके पास कोई अनुभवी ऑलराउंडर है।
न्यूजीलैंड की बल्लेबाजी लाइनअप भी काफी अच्छी है। जिसमें डेवोन कॉनवे, केन विलियमसन, टॉम लैथम, रचिन रवींद्र और डेरिल मिशेल जैसे बल्लेबाज हैं। वहीं ग्लेन फिलिप्स और कप्तान मिशेल सेंटनर ऑलराउंडर की भूमिका निभाते हैं। न्यूजीलैंड ने हाल ही में पाकिस्तान में त्रिकोणीय सीरीज जीती है, जिसके चलते वह यहां की परिस्थितियों से अच्छी तरह वाकिफ हो गई है, लेकिन चैंपियंस ट्रॉफी में कीवी टीम के पास अनुभवी गेंदबाजी आक्रमण नहीं है, जो उसके लिए परेशानी का सबब बन सकता है।
पाकिस्तान को घरेलू परिस्थितियों का फायदा मिल सकता है। पाकिस्तान के पास मोहम्मद रिजवान, फखर जमान और बाबर आजम जैसे स्टार बल्लेबाज हैं जो कभी भी खेल का रुख बदल सकते हैं। वहीं, शाहीन अफरीदी और हारिस राउफ जैसे बेहतरीन गेंदबाज भी हैं। लेकिन उसका मध्यक्रम अपनी लय में नहीं है। स्पिन गेंदबाजी में भी टीम को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि उसके पास सिर्फ एक स्पिनर अबरार अहमद है।
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स्टीव स्मिथ की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया इतिहास रचने का सपना देख रहा होगा। और इसके लिए स्मिथ, ट्रैविस हेड, मार्नस लाबुशेन और ग्लेन मैक्सवेल के कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी होगी। ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजी इनके इर्द-गिर्द घूमेगी। ये बल्लेबाज ऑस्ट्रेलिया की ताकत हैं। लेकिन पैट कमिंस, जोश हेजलवुड, मिशेल स्टार्क, मार्कस स्टोइनिस और मिशेल मार्श जैसे पांच बड़े खिलाड़ियों के न होने से ऑस्ट्रेलिया का गेंदबाजी आक्रमण काफी कमजोर हो गया है। टीम में बेन ड्वार्शिस, स्पेंसर जॉनसन और तनवीर संघा को शामिल किया गया है जिनके पास अनुभव की कमी है और यह ऑस्ट्रेलिया के लिए बड़ी समस्या है।
अफगानिस्तान के पास राशिद खान, मोहम्मद नबी, रहमानुल्लाह गुरबाज और इब्राहिम जादरान जैसे बेहतरीन खिलाड़ी हैं। सबसे अहम राशिद खान हैं जो पाकिस्तानी पिचों पर धमाल मचा सकते हैं। बल्लेबाजी में भी राशिद अपराजेय हैं। लेकिन इस टीम की सबसे बड़ी कमजोरी आईसीसी टूर्नामेंट में अनुभव की कमी है। अफगानिस्तान पहली बार चैंपियंस ट्रॉफी खेल रहा है। तीन-चार खिलाड़ियों के अलावा उसके पास कोई विश्व स्तरीय और ज्यादा अनुभवी खिलाड़ी नहीं है।
जोस बटलर और जो रूट इंग्लैंड की बल्लेबाजी लाइनअप की सबसे बड़ी ताकत हैं। रूट जहां किसी भी परिस्थिति में संभलकर खेलने के लिए जाने जाते हैं, वहीं बटलर अपने तेज-तर्रार खेल से टीम को मजबूती देते हैं। बल्लेबाजी में हैरी ब्रूक, लियाम लिविंगस्टोन, फिल साल्ट और बेन डकेट भी अहम साबित होंगे। गेंदबाजी में आदिल राशिद, जोफ्रा आर्चर और मार्क वुड टीम की बड़ी ताकत हैं। लेकिन इंग्लैंड के पास मिडिल ऑर्डर में बेहतरीन खिलाड़ी नहीं हैं। वहीं, आदिल राशिद के रूप में सिर्फ एक स्पिनर होने से पाकिस्तानी पिचों पर उनके लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं।
कप्तान टेम्बा बावुमा और टोनी डी जियोर्जी ओपनिंग करके तेज और अच्छी शुरुआत दे सकते हैं। जबकि मध्यक्रम में एडेन मार्करम, रेयान रिकेल्टन, डेविड मिलर और हेनरिक क्लासेन जैसे आक्रामक बल्लेबाज हैं। वहीं, कैगिसो रबाडा, केशव महाराज, तबरेज शम्सी और मार्को जेनसन जैसे गेंदबाज भी अफ्रीकी टीम की बड़ी ताकत हैं। लेकिन एनरिक नॉर्खिया और गेराल्ड कोएट्जी जैसे गेंदबाजों के न होने से दक्षिण अफ्रीका को गेंदबाजी में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। कॉर्बिन बॉश को टीम में शामिल किया गया जिन्होंने सिर्फ दो वनडे मैच खेले हैं।
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