India News(इंडिया न्यूज), Paris olympics: पेरिस ओलंपिक 2024 की शुरुआत 26 जुलाई को हुई थी और ये खेल 11 अगस्त तक चलने वाले हैं। लेकिन भारत ने अबतक 3 कांस्य पदक जीते हैं। ये तीनों ही पदक शूटिंग में आए हैं। लेकिन पदकों की ये संख्या और भी हो सकती थी, लेकिन कई मौके ऐसे भी आए हैं जब भारतीय एथलीट बहुत करीब आकर पदक से चूक गए।
आपको बता दें कि सबसे पहले मनु भाकर ने 10 मीटर एयर पिस्टल में कांस्य पदक जीता था। फिर दूसरा कांस्य भी मनु भाकर ने मिक्स्ड टीम इवेंट में दिलाया। उनके साथ टीम में सरबजोत सिंह भी थे। तीसरा कांस्य पदक स्वप्निल कुसाले ने शूटिंग के पुरुषों की 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशन में दिलाया। लेकिन इस दौरान 5 ऐसे मौके आए हैं जब भारतीय स्टार एथलीट पदक जीतने से चूक गए। इनमें से एक नाम खुद मनु भाकर का भी है। इस लिस्ट में अर्जुन बबूता, धीरज बोम्मादेवरा-अंकिता भक्त, निशांत देव,दीपिका कुमारी और लक्ष्य सेन का नाम भी शामिल है। आइए जानते हैं कैसे ये एथलीट मेडल से चूक गए…
मनु भाकर
2 कांस्य पदक जीतने वाली स्टार निशानेबाज मनु भाकर के पास पेरिस ओलंपिक में पदकों की हैट्रिक लगाने का सुनहरा मौका था। मनु 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा के शूट-ऑफ में हारकर बाहर हो गईं। एक समय वह पदक जीतने के करीब थीं, लेकिन हंगरी की मेयर वेरोनिका के खिलाफ मैच ड्रॉ होने के बाद उन्हें शूट-ऑफ खेलना पड़ा।
तब मनु शूट-ऑफ में सिर्फ 3 बार ही निशाना साध सकीं, जबकि मेयर ने चार शॉट लगाकर पदक जीता। इस तरह मनु अपने तीसरे पदक से मामूली अंतर से चूक गईं। मनु ने इससे पहले 10 मीटर एयर पिस्टल एकल और टीम स्पर्धा में 2 पदक जीते थे।
अर्जुन बबूता
पुरुष एकल 10 मीटर एयर राइफल में कभी रजत पदक के दावेदार रहे अर्जुन बबूता को पदक के बिना ही लौटना पड़ा। पहले 11 राउंड के बाद दूसरे स्थान पर रहने के कारण वे रजत पदक की दौड़ में थे। कुछ का मानना था कि 1-2 अच्छे शॉट उन्हें स्वर्ण पदक दिला सकते थे।
लेकिन स्थिति इसके उलट रही। अर्जुन ने 3 खराब शॉट (9.9, 10.1 और 9.5) खेले और कांस्य पदक भी नहीं जीत पाए। इन खराब शॉट्स के कारण वे दूसरे स्थान से चौथे स्थान पर खिसक गए और बाहर हो गए। बबूता के फाइनल में 208.4 अंक थे।
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निशांत देव
शूटिंग में 3 पदक जीतने के बाद भारत की उम्मीदें मुक्केबाजी में निशांत देव पर टिकी थीं। लेकिन मैक्सिको के मार्को वर्डे ने 71 किलोग्राम वर्ग में निशांत को 4-1 से हराकर बाहर कर दिया। यह मुकाबला काफी रोमांचक रहा, जिसमें निशांत दो राउंड तक अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे। लेकिन तीसरा राउंड बराबरी पर रहा। इसके बाद निशांत ने आखिरी दो राउंड हारने के कारण मैच 4-1 से गंवा दिया।
दीपिका कुमारी
दीपिका कुमारी भी तीरंदाजी में पदक के करीब पहुंची थीं, लेकिन खाली हाथ रहीं। दीपिका को महिला व्यक्तिगत स्पर्धा के क्वार्टर फाइनल में कोरियाई खिलाड़ी सोयुन के खिलाफ 4-6 से हार का सामना करना पड़ा। दोनों के बीच यह मुकाबला 5 सेट तक चला। दीपिका-सोयुन के बीच स्कोर 28-26, 25-28, 29-28, 27-29, 27-29 रहा, जहां अंत में दीपिका सेमीफाइनल में अपनी जगह नहीं बना पाईं।
धीरज बोम्मादेवरा-अंकिता भक्त
भारत की तीरंदाजी जोड़ी धीरज बोम्मादेवरा और अंकिता भक्त भी पेरिस ओलंपिक 2024 की मिश्रित टीम स्पर्धा में पदक से चूक गईं। उन्हें कांस्य पदक के मुकाबले में अमेरिका की केसी कॉफहोल्ड और ब्रैडी एलिसन की जोड़ी ने 6-2 से हराया। धीरज-अंकिता का प्रदर्शन मैच में अच्छा नहीं रहा। केसी और ब्रैडी ने उन्हें 38-37, 37-35, 34-38, 37-35 से हराया।
लक्ष्य सेन
भारतीय शटलर लक्ष्य सेन 2024 पेरिस ओलंपिक में एक बहुत ही योग्य पदक से चूक गए। 22 वर्षीय लक्ष्य सेन बैडमिंटन पुरुष एकल कांस्य पदक मैच में मलेशिया के ली ज़ी जिया से 21-12, 16-21, 11-21 से हार गए। सेन ओलंपिक खेलों में पदक जीतने वाले पहले भारतीय पुरुष बैडमिंटन खिलाड़ी हो सकते थे।
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