श्रीकृष्ण शर्मा
फुटबॉल (Football) को बढावा देने की दिशा में फुटबॉल दिल्ली (Football Delhi) ने एक और बेहतरीन कदम उठाया है। जिसकी बेहद जरूरत भी थी। अब जहां खिलाड़ियों को लगने वाली चोटों को कम किया जा सकता है वहीं अगर चोट लग जाती है तो मैदान पर तुरंत इलाज भी मुहैया होगा। ऐसा एक करार फुटबॉल दिल्ली ने ए प्लस आॅथोर्पेडिक एवं स्पोर्टस मेडिसिन सेंटर (एओएसएम) के साथ खेल और खिलाड़ियों के हितो को ध्यान में रखकर आथोर्पेडिक फिजियोथरेपी एवं हेल्थकेयर पार्टनर के रूप में किया है।
इस समझौते से खिलाड़ियों को भयमुक्त वातावरण में खेलने के लिए मनोवैज्ञानिक प्रबलता भी मिलेगी। यह सुविधा आगामी सभी लीग मैचों देखने को मिलेगी जैसे कि एक साल पहले इस सेंटर एक एक्टीविटी के रूप में दिखाई दी थी। जिसको देखकर माना गया था कि यह चिकित्सा सुविधा अगर लंबी अवधि के लिए उपलब्ध रहती है तो यह खिलाड़ियों के लिए बहुत ही अच्छा होगा। फुटबॉल खेल के लिए हुए इस समझोते को बहुत ही जरूरी बताते हुए फुटबॉल दिल्ली के अध्यक्ष शाजी प्रभाकरण ने कहा कि खेल के दौरान लगने वाली चोटों से खिलाड़ियों को बचाना खेल का संचालन करने वाली संस्था की जिम्मेदारी है। यही ध्यान में रखकर यह साझेदारी की गई है। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रोफेसनल से जुडने से चोटों को कम करने का फायदा भी मिलेगा साथ ही ट्रीटमेंट भी। अध्यक्ष ने अपने अनुभवों की बात करते हुए कहा कि जो कार्य एओएसएम की टीम ने गतवर्ष महिला फुटबाल लीग के दौरान किया उससे फुटबॉल दिल्ली को लगा कि भविष्य के लिए यह साझेदारी खिलाड़ियों में कोंफिडेंस बढा देगी। खिलाड़ियों चोटो के डर के बाहर निकलने में भी मदद मिलेगी उन्होंने कहा।
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दिल्ली का यह एओएसएम स्पोर्टस इंजरी के इलाज का बडा सेंटर माना जाता है। इस करार पर हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ प्रतीक कुमार गुप्ता ने बताया कि पहले भी हमारा सेंटर फुटबॉल मैचो के दौरान सेवाएं दे चुका है। उसी के बाद यह माना जा रहा था कि इस तरह की सुविधाएं मैदान पर होने से खिलाड़ियों को समय पर इलाज मिल जाता है जो बहुत ही जरूरी है। उन्होंने कहा कि खेलों में अगर लगने वाली चोटों का सही समय पर इलाज हो तो खेल में जल्दी वापसी हो जाती है। एओएसएम में खेलों में लगने वाली चोटों के इलाज के लिए चोटों के हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ प्रतीक कुमार गुप्ता की टीम फिजियोथरेपी और फिटनेस विंग की डॉ जया साहनी और डॉ गौतम गुप्ता के साथ मौजूद रहती है। देश खेलों में तेजी से आगे बढ रहा है। ऐसे में खिलाड़ियों का समय पर इलाज प्राथमिकता के तौर पर लेना होगा। यह भी मान लेना चाहिए कि खेलों में चोटों को पूरी तरह से रोक पाना नामुमकिन है। लेकिन कम किया जा सकता है। इस समझोते से अब फुटबॉल खिलाड़ियों के लिए भी उच्चकोटि की ये चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध रहने से खिलाडियों को अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए प्रेरित करेंगी।
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