India News (इंडिया न्यूज), IPL 2025: लखनऊ सुपर जायंट्स सोमवार को आईपीएल 2025 के अपने पहले मैच में दिल्ली कैपिटल्स को हराने की ओर अग्रसर थी। लेकिन आशुतोष शर्मा ने विशाखापत्तनम में 210 रनों का पीछा करते हुए सुपर जायंट्स के जबड़े से जीत छीन ली और कैपिटल्स को जीत दिला दी। लंबे समय से सुपर जायंट्स के कब्जे में रहे दो अंक आखिरकार दिल्ली कैपिटल्स के खाते में गए। लखनऊ की इस हार के बाद फ्रेंचाइजी के मालिक संजीव गोयनका कप्तान ऋषभ पंत के साथ मैदान पर नजर आए। उनका वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं, जिसमें वह (संजीव गोयनका) ऋषभ पंत से बात करते नजर आ रहे हैं।
आपको जानकारी के लिए बता दें कि, वीडियो में ऋषभ पंत संजीव गोयनका को कुछ समझाते नजर आ रहे हैं। ऋषभ पंत की गंभीरता को देखकर ऐसा लग रहा है कि संजीव टीम के प्रदर्शन से ज्यादा खुश नहीं थे। लखनऊ सुपर जायंट्स ने ऋषभ पंत को खरीदने के लिए 27 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। ऋषभ पंत आईपीएल इतिहास में बिकने वाले सबसे महंगे खिलाड़ी हैं। लेकिन ऋषभ पंत फ्रेंचाइजी के लिए अपने पहले मैच को कभी याद नहीं रखना चाहेंगे। छह गेंद खेलने के बाद ऋषभ पंत शून्य पर डगआउट लौट गए। इसके अलावा उन्होंने कप्तानी में भी कुछ गलतियां कीं।
IPL 2025 (क्या खिलाड़ियों से भिड़ सकते हैं टीम के मालिक)
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जानकारी के अनुसार, आईपीएल ने फ्रैंचाइज़ मालिकों के लिए नियम बनाए हैं कि वे अपनी टीमों को कैसे चलाएं और रेवेन्यू में कैसे हिस्सा लें। लेकिन खिलाड़ियों के साथ उन्हें कैसे बातचीत करनी चाहिए, इस पर कोई स्पष्ट नियम नहीं हैं। उनसे सिर्फ यही उम्मीद की जाती है कि वे पेशेवर तरीके से पेश आएँ। आईपीएल फ्रैंचाइज़ मालिक किसी खिलाड़ी के प्रदर्शन से निराश या असंतुष्ट महसूस कर सकते हैं, लेकिन मैच के दौरान मैदान पर खिलाड़ियों पर सीधे गुस्सा जाहिर करना आम तौर पर गैर-पेशेवर और अनुचित है। आईपीएल एक पेशेवर लीग है, और मालिकों और खिलाड़ियों के बीच बातचीत में पेशेवरता का एक स्तर बनाए रखा जाना चाहिए।
मैदान पर सार्वजनिक रूप से गुस्सा दिखाना अपमानजनक है और इससे खिलाड़ियों के मनोबल और टीम की छवि को नुकसान पहुंच सकता है। मालिक मुख्य रूप से फ्रैंचाइज़ के व्यावसायिक और रणनीतिक पहलुओं को संभालते हैं। ऑन-फील्ड कोचिंग और खिलाड़ी प्रबंधन आमतौर पर टीम के कोच और कप्तानों की ज़िम्मेदारी होती है। मालिक मैच के बाद या टीम मीटिंग के दौरान खिलाड़ियों से निजी तौर पर चर्चा कर सकते हैं ताकि चिंताओं को दूर किया जा सके या फीडबैक दिया जा सके। वे तालियों या सकारात्मक इशारों के जरिए अपना समर्थन दिखा सकते हैं।
ऐसे कई उदाहरण देखने को मिले है कि मालिक निजी बॉक्स में भावनात्मक रिएक्शन दिखाते हैं, लेकिन वे ऑन-फील्ड बातचीत से अलग होती हैं। सार्वजनिक रूप से गुस्सा जाहिर करने से टीम के अंदर नकारात्मक माहौल बन सकता है और खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर असर पड़ सकता है। जब आईपीएल मैचों के दौरान भावनाएं बहुत ज्यादा बढ़ जाती हैं, तो मालिकों का खिलाड़ियों के प्रति मैदान पर सीधे गुस्सा जाहिर करना आम बात नहीं है।
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