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सुप्रिया सक्सेना: टोक्यो ओलंपिक के स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) ने गुरुवार को एक और शानदार प्रदर्शन करते हुए स्टॉकहोम में प्रतिष्ठित डायमंड लीग (Diamond League) मीट में रजत पदक जीता और अपना ही पिछला रिकॉर्ड तोड़ दिया।
स्टॉकहोम में खेले गए डायमंड लीग में नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) ने 89.94 मीटर का थ्रो फेंका। ऐसा करते हुए उन्होंने अपना ही राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ दिया, जो 14 जून को बना था। नीरज ने 89.30 मीटर दूर भाला फेंक कर तुर्कू में हुए पावे नूरमी खेलों में रजत पदक जीता था।
1- आज आप अपने प्रदर्शन के बारे में कैसा महसूस करते हैं? क्या आपने 89.94 मी के साथ शुरुआत करने की उम्मीद की थी और एक नया पर्सनल और नेशनल रिकॉर्ड प्राप्त करना कैसा लगता है?
उत्तर 1 बहुत अच्छा लग रहा हैं। ऐसा कुछ नही था की पहली बार में थ्रो में करना हैं। पर माइंडसेट यही था कि अच्छे से खेलना है, बढ़िया से। और अपना पूरा ज़ोर लगाना है। काफी बढ़िया था फर्स्ट थ्रो, 90 मीटर के काफी क्लोज़ थी और लग रहा था की शायद कर देंगे। पर फिर भी अपना बेस्ट दिया, तो उसके लिए काफी अच्छा लगा रहा हैं।
2- आपके दिमाग में क्या चल रहा था जब एंडरसन पीटर्स ने तीसरे प्रयास में 90 मीटर से अधिक का थ्रो किया? क्या इसने आपको अपने शेष प्रयासों में उससे आगे जाने की कोशिश करने के लिए प्रेरित किया?
उत्तर 2 हांजी, बिलकुल जब एंडरसन पीटरसन ने 90 मीटर क्रॉस किया तो, मुझे भी लगा कि करना है और हर चीज़ परफेक्ट हो और एक लाइन में जेवलिन लगे पूरी टेक्नीक वैसे आई तो सब चीज़ परफेक्ट होती है। जब हर चीज़ थ्रो में हम एफर्ट लगाते है तो शरीर भी थकता हैं।
और अच्छा कंपटीशन, में खुश हु आज, सभी थ्रो अच्छी थी काफी। में खुश हु इस परफॉर्मेंस से। डायमंड लीग काफी टाइम के बाद खेली और वो अच्छी रही । अब जो अगले कॉमेप्टिशन होंगे उसमे लगाएंगे हम अपना ज़ोर।
3- 2018 में ज्यूरिख फाइनल के बाद यह आपका पहला डायमंड लीग इवेंट था। डायमंड लीग इवेंट आपके लिए कितने महत्वपूर्ण हैं? और इतने बड़े आयोजन में अच्छा प्रदर्शन करना कैसा लगता है?
उत्तर 3 हांजी बिलकुल ये 2018 में ज्यूरिख के बाद पहली डायमंड लीग थी मेरी। और बहुत अच्छी लगती है मुझे। स्टार्टिंग से ही बहुत ज्यादा पसंद हैं क्युकी वर्ल्ड क्लास एथलीट्स आते हैं, वो आते है जो हमारे साथ ओलंपिक या वर्ल्ड चैंपियनशिप की तरह खेलते हैं।
और बहुत अच्छा लगता कंपटीशन है ये। अच्छे अच्छे शहरों में होता हैं। और पब्लिक आती है देखने। धीरे धीरे इंडिया में भी लोग जान नही हैं की क्या है डायमंड लीग और क्या अलग अलग कॉम्पिटिशन हैं। तो बहुत अच्छा लगता है।
4- आपने अपने सीजन की शुरुआत 3 इवेंट से की है। अब आप कुछ हफ्तों में विश्व चैंपियनशिप के लिए ओरेगन जाएंगे। आप ओरेगन में अपने फॉर्म के बारे में कैसा महसूस करते हैं? अगले 18-19 दिनों में अब आप किस पर ध्यान केंद्रित करेंगे?
उत्तर 4 पता नही वो तो ओरेगॉन में ही पता लगेगा। क्युकी हर कॉम्पिटिशन, हर दिन अलग होता हैं। और एक बात और है कि लोग ये सोचते है कि जब मैं कॉम्पिटिशन खेलना स्टार्ट करूंगा तो मुझ पर एक ओलंपिक चैंपियन होने का प्रेशर होगा, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं हैं।
मैं एक दम आराम से फ्री माइंडेड हो कर खेलता हूं। और बढ़िया से वहां पर परफॉर्म करता हू, और मेरे माइंड में प्रेशर नहीं होता किसी भी चीज़ का। हम ट्रेनिंग करते है बढ़िया से और अपना 100% देते हैं, हर कॉम्पिटिशन में।
5- इस साल, कुछ बहुत करीबी भाला स्पर्धाएं हुई हैं जिनमें कई एथलीटों ने अच्छा प्रदर्शन किया है। ओरेगन में जाने की आपकी संभावनाओं के बारे में आप क्या सोचते हैं? क्या आप ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता के रूप में कोई दबाव महसूस कर रहे हैं?
उत्तर 5 हांजी, अभी अगला ओरेगॉन, वर्ल्ड चैंपियनशिप हैं। और बहुत ज्यादा कुछ नहीं हैं, कुछ चेंज नहीं करेंगे पर जो हैं, उसे और बेहतर करेंगे। जो भी ट्रेनिंग चल रही हैं उसे ही मेंटेन करेंगे। कोशिश करेंगे इंप्रूवमेंट करने की।
6- केवल एक भारतीय ने कभी एथलेटिक्स में विश्व चैम्पियनशिप पदक जीता है; क्या इसकी वजह से आप पर कोई अतिरिक्त दबाव है?
उत्तर 6 नहीं ऐसा कोई प्रेशर नहीं है, गोल्ड मेडलिस्ट होने का। आपका पूरा लगाएंगे वहा पर ज़ोर, यही काम हैं हमारा और यही करेंगे बस। ऐसा कुछ नही है की वर्ल्ड चैंपियनशिप में प्रेशर हो। पर वहां जा कर कैसा होता हैं माइंडसेट वही पता चलेगा; ओरेगॉन में।
7- भारत में कई लोग ऑनलाइन और स्ट्रीम पर आपके प्रदर्शन का अनुसरण करने की कोशिश कर रहे थे। जिस देश में पारंपरिक रूप से एथलेटिक्स का पालन नहीं किया जाता है, उस देश में इस तरह का प्रभाव कैसा महसूस होता है?
उत्तर 7 बहुत अच्छा लगा हैं, बहुत खुशी हैं इस बात की, कि लोग देख रहे हैं ऑनलाइन भी एथलीट्स को इंडिया में। और सबसे बड़ी बात ये हैं कि बहुत सारे इंडियंस आए थे स्टॉकहोम में, और इंडियन एंबासेडर्स भी आए थे मिलने। बहुत ही अच्छा लगा लगा कि कंट्री में एथलीट्स के लिए प्यार इतना बढ़ रहा हैं, लोग जान रहे हैं इस बारे में।
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