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इंडिया न्यूज, चंडीगढ़:
पैरालंपिक (Paralympic) में लठ गाड़ने वाले शूरवीरों ने सेल्यूट हरियाणा कार्यक्रम में खिलाड़ियों ने इंडिया न्यूज हरियाणा के मंच से अपने मन की बात पूरी दुनिया के सामने रखी। खिलाड़ियों ने बताया कि प्रधानमंत्री ने सभी लोगों का जिस तरह से बात करके हौसला बढ़ाया वह सबके लिए शानदार था। देश ने पैरालंपिक में 19 पदक जीते ये सबके लिए गर्व की बात है।
जैवलिन थ्रो में गोल्ड मेडल जीतने वाले सुमित अंतिल ने बताया कि शुरू से ही अपना मेडल पक्का मानकर चल रहे थे। उन्हें विश्वास था कि जिस तरह से वे मेहनत कर रहे हैं और बहुत परिवार का जिस तरह से सहयोग मिल रहा है उससे लग रहा था मेडल मिला।
डिस्कस थ्रो में सिल्वर जीतने वाले योगेश ने कहा कि पदक जीतने के बाद उन्हें एक नई पहचान मिली है। प्रधानमंत्री ने जिस तरह से हौसला बढ़ाया वह लाजवाब था। यही कारण रहा कि उन्हें खेलते समय प्रधानमंत्री की बातें ध्यान में रही।
बैडमिंटन में गोल्ड लाने वाले मनोज सरकार ने कहा कि जब पदक मिला तो सबसे पहले उनकी मां का चेहरा सामने आया। उनकी मां ने सबसे पहले दस रुपये देकर बैडमिंटन का रैकेट दिलवाया था। इसके इलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनका हौसला बढ़ाया।
लांग जम्प में पदक विजेता निशांत कुमार ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि जब उन्हें पदक मिला तो उन्हें यकीन नहीं हुआ। मैंने बार बार पूछा तो तो यकीन हुआ कि वो पदक जीत चुके हैं।
शूटिंग में गोल्ड जितने वाले मनीष ने बताया कि वे पदक जीतने वाले हरियाणा के सबसे कम उम्र के खिलाड़ी हैं। उन्होंने 2018 में भी पदक मिला था लेकिन 2020 में अर्जुन अवार्ड मिलने के बाद ही पदक जीतने का हौसला मिला।
शूटिंग में ही गोल्ड लाने वाले शिवराज ने बताया कि वो ओलंपिक से पहले कोविड पॉजिटिव हो गए थे। एक बार लगा कि सब कुछ खत्म हो गया। लेकिन दोस्तों और परिजनों ने हौसला बढ़ाया तो ठीक होने के बाद मेहनत की और पदक भी जीता।
तीरंदाजी में कांस्य पदक पाने वाले हरमिंदर सिंह ने बताया कि उन्होंने 2012 में तीरंदाजी शुरू की थी। लगातार प्रयास किया और 9 साल बाद उन्हें सफलता भी मिली। जब भारत का तिरंगा हवा में लहराया तो दिल को लगा कि आज देश के लिए कुछ किया है। उनका प्रयास रहेगा कि आगे भी देश के लिए पदक जीतें।
हॉकी में कांस्य पदक जीतने वाली टीम का हिस्सा रहे सुमित ने बताया कि मेहनत से ही सफलता हासिल की जा सकती है। टीम के सभी लोगों का यकीन था कि पदक जरूर मिलेगा। उम्मीद गोल्ड की थी पर ब्रॉन्ज मिला जो हमारे लिए गोल्ड से कम नहीं है।
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