India News(इंडिया न्यूज),Rohit Sharma: रोहित शर्मा की कप्तानी में टीम इंडिया ने 2024 टी20 वर्ल्ड कप जीतकर इतिहास रच दिया। भारत ने 11 साल बाद कोई ICC ट्रॉफी जीती है। बारबाडोस की धरती पर टीम इंडिया ने फाइनल में साउथ अफ्रीका को हराकर विजयी ट्रॉफी अपने नाम किया। इस टी20 वर्ल्ड कप जीतने के साथ रोहित शर्मा भारत के लिए आईसीसी ट्रॉफी उठाने वाले तीसरे कप्तान बन गए। मुंबई के बोरीवली से बारबाडोस में टी20 वर्ल्ड कप जीतने तक का सफर रोहित के लिए बिल्कुल भी आसान नहीं था। तो आइए जानते हैं रोहित शर्मा की कहानी।
भारत के हर शहर में गली क्रिकेट खेला जाता है। रोहित शर्मा ने भी क्रिकेट खेलने की शुरुआत गली क्रिकेट खेलने से की थी। रोहित ही नहीं भारत के लिए खेलने वाले ज्यादातर क्रिकेटर पहले गली क्रिकेट खेलना शुरू करते हैं। बचपन में गली क्रिकेट खेलते हुए रोहित ने कई घरों के शीशे भी तोड़ दिए। जिससे परेशान हो कर लोगों ने उन्हें क्रिकेट खेलने से रोकने के लिए पुलिस भी बुला ली। लेकिन रोहित शर्मा ने क्रिकेट खेलना नहीं छोड़ा।
रोहित शर्मा एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखते थे। ऐसे में उनके पास क्रिकेट पर खर्च करने के लिए ज्यादा पैसे नहीं होते थे। सबसे पहले रोहित के चाचा ने उनमें क्रिकेट के प्रति जुनून देखा। जिसके बाद उन्होंने रोहित का एक क्रिकेट अकादमी में एडमीशन करवा दिया। रोहित शर्मा ने बतौर स्पिनर शुरुआत की और वे निचले क्रम में बल्लेबाजी करते थे, लेकिन कोच दिनेश लाड को लगा कि उन्हें ओपनिंग करनी चाहिए। इसके बाद कोच ने रोहित को स्कूल बदलने की सलाह दी ताकि उन्हें अच्छी क्रिकेट सुविधाएं मिल सकें। रोहित का साधारण परिवार उनके स्कूल बदलने का खर्च वहन नहीं कर सकते थे। फिर कोच दिनेश लाड ने रोहित को स्वामी विवेकानंद इंटरनेशनल स्कूल में स्कॉलरशिप दिलवाई।
आज आप जिस रोहित शर्मा को आप लंबे-लंबे छक्के लगाते हुए देखते हैं, वह एक समय इस डर से बड़े शॉट नहीं खेलते थे कि उनका बल्ला टूट जाएगा और फिर वह नया बल्ला नहीं खरीद पाएंगे।
लगातार मेहनत करने वाले रोहित शर्मा का चयन 2006 में इंडिया-ए के लिए हुआ और फिर अगले ही साल उन्हें सीनियर टीम में शामिल कर लिया गया। रोहित ने 2007 के टी20 विश्व कप में अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत की। इस विश्व कप में रोहित शर्मा ने बेहतरीन प्रदर्शन किया। टीम इंडिया ने 2007 का टी20 विश्व कप जीता और रोहित शर्मा अपने अंतरराष्ट्रीय करियर के पहले ही साल में विश्व कप विजेता बन गए।
2007 के बाद रोहित शर्मा का कुछ बुरा दौर भी आया और वे टीम से अंदर-बाहर होने लगे। 2011 के वनडे विश्व कप के लिए उनका चयन नहीं हो पाया। फिर 2012 में रोहित शर्मा टीम इंडिया में वापस लौटे और इस बार उन्हें सचिन तेंदुलकर का समर्थन मिला। दिग्गज तेंदुलकर ने रोहित के बारे में कहा कि एक दिन वे मेरा भी रिकॉर्ड तोड़ देंगे।
2013 में रोहित शर्मा और शिखर धवन की नई ओपनिंग जोड़ी टीम इंडिया के लिए काफी फायदेमंद साबित हुई। बतौर ओपनर अपनी जगह पक्की करने के बाद रोहित शर्मा ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। इसी साल ओपनिंग करते हुए रोहित ने 27 वनडे पारियों में 1196 रन बनाए। इसी साल मुंबई इंडियंस ने रोहित शर्मा को कप्तानी सौंपी। इसी सीजन में रोहित शर्मा की कप्तानी में मुंबई ने अपना पहला आईपीएल खिताब जीता। 2013 के नवंबर में ही रोहित शर्मा ने टेस्ट डेब्यू किया। उनके टेस्ट डेब्यू पर उनके पिता काफी खुश हुए क्योंकि रोहित के पिता का यह पसंदीदा फॉर्मेट है। रोहित ने अपने टेस्ट डेब्यू में ही शतक जड़ दिया।
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फिर अगले साल यानी 2014 में रोहित शर्मा ने वनडे में 264 रन बनाकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया। यह वनडे क्रिकेट में किसी भी बल्लेबाज का सबसे बड़ा स्कोर है। इस रिकॉर्ड को अब तक कोई नहीं तोड़ पाया है। रोहित ने यह पारी श्रीलंका के खिलाफ खेली थी। इसके अलावा हिटमैन के नाम वनडे क्रिकेट में 3 दोहरे शतक लगाने का रिकॉर्ड भी है।
इसी तरह रोहित शर्मा का ग्राफ ऊपर की तरफ बढ़ता गया और तीनों फॉर्मेट में उनके शानदार प्रदर्शन ने उन्हें कप्तान भी बना दिया गया। रोहित की कप्तानी में टीम इंडिया 2022 टी20 वर्ल्ड कप का सेमीफाइनल, 2023 वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल और 2023 वनडे वर्ल्ड कप का फाइनल हार गई। इसके बाद रोहित शर्मा और टीम इंडिया के लिए खुशियां आईं। रोहित शर्मा की कप्तानी वाली टीम इंडिया ने 2024 टी20 वर्ल्ड कप का खिताब जीतकर इतिहास रच दिया।
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