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इंडिया न्यूज, सीहोर:
Sachin Tendulkar in Madhya Pradesh: क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने साल 2013 में आज ही के दिन क्रिकेट से संन्यास लिया था। सचिन तेंदुलकर ने मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के 560 आदिवासी बच्चों के भाग्य निर्माण का जिम्मेदारी उठाने के लिए सीहोर जिले के दूरदराज के गांवों में सेवा कुटीर बनाए एक ‘एनजीओ परिवार’ के साथ साझेदारी की है।
तेंदुलकर सेवा कुटीर सेवनिया में मंगलवार को इंदौर से सड़क मार्ग से देवास जिले के खातेगांव के संदलपुर गांव पहुंचे। यहां उन्होंने एक एनजीओ के कार्यक्रम में हिस्सा लिया। कार्यक्रम में सचिन तेंदुलकर ने अपने पिता को याद करते हुए कहा कि पिता चाहते थे बच्चों के लिए कुछ करें। वो आज हमारे बीच होते बहुत खुशी होती।
संस्था परिवार एजुकेशन बच्चों की पढ़ाई के लिए कार्य करती है। सचिन ने टीम के साथ बिल्डिंग का दौरा भी किया। सचिन का यह दौरा बेहद ही गोपनिया रखा गया था, लेकिन जैसे ही सुबह देवास की सड़कों से उनका काफिला गुजरा, तो लोगों ने उनको को पहचान लिया। सचिन का काफिल चापड़ा से बागली, पुंजापुरा होकर खातेगांव के संदलपुर पहुंचा। इस दौरान सचिन के आने की खबर जंगल की आग की तरह फैल गई और लोगों ने उनका स्वागत हाथों में तिरंगा लेकर किया। रास्तें में कई लोगों ने उनकी कार पर फूल बरसाए। सचिन ने कई जगह हाथ हिलाकर लोगों के अभिवादन को स्वीकार किया। सचिन के दौरे को लेकर सुरक्षा इंतजाम भी किए थे।
सचिन ने बच्चों से मिल कर उनका हाल-चाल जानकर उन्हें बेहतर सुविधा मुहैया कराने के वादा भी किया। तेंदुलकर के लिए आज का दिन इसलिए भी खास है, क्योंकि आज ही के दिन सचिन तेंदुलकर ने 2013 में क्रिकेट से संन्यास लिया था। सीहोर जिले के गांव सेवनिया, बीलपाटी, खापा, नयापुरा और जामुन झील के बच्चों को अब तेंदुलकर फाउंडेशन की मदद से पोषण भोजन और शिक्षा मिल रही है। बच्चे मुख्य रूप से बरेला भील और गोंड जनजाति के हैं।
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